DESK- वट सावित्री पूजा आज धूमधाम से सुहागिन महिलाएं मना रही है. यह पूजा वट वृक्ष के नीचे की जाती है. ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाए जानेवाले इस व्रत में वट और सावित्री की पूजा की जाती है.
इस वट सावित्री व्रत के सुहागिन महिलाएं स्नान ध्यान के बाद नए वस्त्र पहन और सोलह श्रृंगार कर पूजन के सभी सामग्री को डलिया या थाली में सजा कर वट वृक्ष के नीचे पूजा करती है. डलिया में श्रृंगार और दान के साथ ही फल और कई तरह की मिठाइयां रहती हैं. इस दौरान वट वृक्ष का चक्कर लगाते हुए धागा भी लपेटा जाता है. कई जगह वटवृक्ष के नीचे ब्राह्मण
सत्यवान-सावित्री की कथा भी सुनाते हैं, जिसमें सावित्री नामक महिला अपने पति सत्यवान के लिए यमराज से भी टकरा जाती है.
इस संबंध में ब्राह्मण गोपाल पांडे ने कहा कि आज के ही दिन सावित्री ने अपने पति के प्राणों की रक्षा यमराज से की थी. आज का दिन सावित्री का है और पति के प्रति प्रेम निष्ठा का यह अनुष्ठान आज महिलाओं के बीच मनाया जा रहा है. सुहागिन महिलाओं ने कहा कि आज अपने सुहाग की रक्षा और उनकी लंबी उम्र की कामना के लिए वो सभी लोग सावित्री व्रत पूजा कर रही हैं और बरगद के पेड़ पर उन्होंने पूरी विधि के साथ जल अर्पण कर रक्षा सूत्र बांधा है.