अखंड सौभाग्य की कामना को लेकर आज देशभर में हरितालिका तीज का पर्व मनाया जा रहा है. ऐसे में बिहार के रोहतास में भी सुहागिन महिलाएं तीज का व्रत कर रही हैं. सनातन धर्म में हरितालिका तीज व्रत का विशेष महत्व है. इस दिन सुहागिन अपने पति के लंबी उम्र की कामना करती हैं और निर्जला व्रत रखती हैं. वहीं, हरितालिका तीज का व्रत कुंवारी कन्याएं भी मनचाहे वर प्राप्ति के लिए रखती हैं. वहीं, जिले के डेहरी में हरितालिका तीज को लेकर यहां महिलाओं ने व्रत रखा और विधि-विधान से पूजा अर्चना की.
इसके साथ ही अमर सुहाग की कामना की. सुहागिन महिलाएं बताती हैं कि, तीज का व्रत वह काफी समय से करती आ रही हैं. आज भी उन्होंने निर्जला व्रत किया है ताकि उनके पति की उम्र लम्बी हो और सुहाग सदा अमर रहें. हरितालिका तीज पत्नी और पति के प्रेम का प्रतीक है. मान्यता है कि, हरितालिका तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आराधना का विधान होता है. हरितालिका तीज के दिन शिव-पार्वती की पूजा की जाती है. इस दिन गीली मिट्टी से शिव, पार्वती और गणेश की प्रतिमा बनाकर सुहागिन महिलाएं उनकी पूजा करती हैं.
बता दें कि, आज महिलाएं पूरी तरह से सोलह श्रृंगार कर सजती-संवरती हैं. इसके बाद शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं. इस तीज का संबंध भगवान शिव और माता पार्वती से है. पंडित बताते हैं कि, हरितालिका तीज शादीशुदा महिलाओं और यहां तक कि कुंवारी लड़कियों के लिए भी खास अहमियत रखता है. सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र और खुशहाल शादीशुदा जिंदगी के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, तो वहीं कुंवारी लड़कियां अच्छे वर के लिए इस व्रत को रखती हैं.