हिंदू मान्यता की माने तो नवरात्रि के 9 दिनों में देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा साधक की 9 कामनाओं को पूरा करने वाली मानी गई है. शक्ति की साधना से जुड़े इस पावन पर्व में सातवें दिन देवी दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा का विधान है. खुले केश और काला रंग का शरीर धारण किए देवी कालरात्रि काफी भयावह नजर आती हैं. देवी के जिस स्वरूप को देखकर आसुरी शक्तियां कांपती हैं और जिनकी साधना के पुण्यफल से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश स्वप्न में भी नहीं होता है. वहीं, आज महासप्तमी के अवसर पर माता रानी के पट खुल गये हैं.
पंडालों में उमड़ने लगी भीड़
माता रानी के पट खुलने के साथ ही पंडालों में माता रानी के भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है. बात कर लें, राजधानी पटना की तो महासप्तमी के सुबह-सुबह ही भक्तों के बीच जबरदस्त जोश देखने के लिए मिला. सुबह-सुबह दुर्गा मां की पूजा के लिए भीड़ उमड़ने लगी. बोरिंग रोड, डाकबंगला चौराहा और अनिसाबाद में चारों तरफ लाइट ही लाइट नजर आ रहा है. कंकड़बाग, पाटलिपुत्र और राजा बाजार सहित कुर्जी इलाके में पंडाल बने हैं. भव्य पंडालों के साथ श्रद्धालु माता के दिव्य दर्शन करने पहुंच रहे हैं.
रंग-बिरंगी लाइटों से सजा पटना
एक तरफ जहां महासप्तमी के अवसर पर लोगों ने सुबह-सुबह स्नान ध्यान करके पंडालों का रुख किया. माता रानी के भक्तों ने उनका दर्शन किया और अपनी मनोकामना पूरी होने की मन्नत मांगी. तो वहीं दूसरी तरफ राजधानी पटना को रंग-बिरंगी लाइटों से सजा दिया गया है. डाकबंगला चौराहे को हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सजाया गया है. सड़क के दोनों किनारे लाइट लगाए गए हैं. वहीं, राजधानी के कई इलाकों में अलग-अलग तरह की मूर्तियां भी बैठाई गई है. कहीं पान मसाला की मूर्ति, ड्राइ फ्रूट्स की मूर्ति, चूड़ा से बनाई गई मूर्ति, मोर पंख से बनी मूर्ति के साथ कागज, पुआल और मैदा से मूर्तियां बनाई गई है.