इस बार पहली बार जनता को अपना मेयर और डिप्टी मेयर चुनने का अधिकार मिला. सीधे जनता के द्वारा ही हर जिले में मेयर का चुनाव कराया गया. लेकिन, छपरा में जनता के द्वारा चुनी गई मेयर को राज्य निर्वाचन आयोग ने बर्खास्त कर दिया. क्या है पूरा मामला, यह हम आपको विस्तार से बताते हैं....
3 बच्चों के चक्कर में गई कुर्सी
दरअसल, मामला मेयर राखी गुप्ता के 3 बच्चों से जुड़ा हुआ है. जिसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए राखी गुप्ता को बर्खास्त कर दिया है. बताया जा रहा है कि, राखी गुप्ता ने अपने नामांकन के दौरान हलफनामें में गलत जानकारी दी थी. हलफनामें में राखी ने दो बच्चों का जिक्र किया था लेकिन कागजातों के मुताबिक उनके तीन बच्चे हैं. छपरा में पहली बार सीधे मतदाताओं के द्वारा हुए चुनाव में राखी गुप्ता ने नगर निगम छपरा से मेयर पद के चुनाव में लगभग 67 हजार मतों से जीत हासिल की थी. लेकिन, गलत जानकारी देने के बाद उनकी कुर्सी चली गई.
पूर्व मेयर ने की थी शिकायत
बता दें कि, छपरा की पूर्व मेयर सुनीता गुप्ता ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की थी और राखी गुप्ता के निर्वाचन को रद्द करने की मांग की थी. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने पिछले डेट पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. लेकिन, पुनः आयोग ने फैसला दिया और राखी गुप्ता को अयोग्य घोषित करते हुए उन्हें मेयर के पद से बर्खास्त कर दिया. अयोग्य घोषित होने के बाद राखी गुप्ता ने कहा है कि, मैं आगे हाईकोर्ट जाउंगी. उन्होंने कहा कि, मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है और उम्मीद है कि कोर्ट से न्याय जरूर मिलेगा. बता दें कि राखी गुप्ता ने पहली बार राजनीति में अपनी किस्मत आजमाई थी और पहली बार में ही उन्हें बड़ी जीत मिली थी.