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खनन विभाग के अधिकारियों का भंडाफोड़, खुद के बयान के जाल में फंसे डिप्टी कलेक्टर

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बक्सर जिले में खनन अधिकारियों ने बड़ा खेल कर दिया है. 18 मई की रात में जिला प्रशासन के अधिकारियों ने लाल बालू के काला कारोबार में शामिल यूपी के बॉर्डर से 45 ट्रक को जब्त कर पूरे बिहार में हड़कम्प मचा दिया था. अखबार से लेकर, टीवी, एवं सोशल मीडिया में जब खबरें प्रमुखता से प्रकाशित हुई, तो 19 मई को खुद जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल और एसपी मनीष कुमार बक्सर यूपी के बॉर्डर पर जांच करने पहुंच गए. हालांकि, उन्हें खाली ही लौटना पड़ा. इसी बीच खनन विभाग के अधिकारियों ने लेनदेन कर 45 में से 23 ट्रक को छोड़ दिया और मात्र 22 पर ही एफआईआर दर्ज हुआ.

अपने ही बयान के जाल में फंसे डिप्टी कलेक्टर 

डिप्टी कलेक्टर सह प्रभारी जिला खनन पदाधिकारी से 18 मई की रात में जब मीडिया ने बालू लदे ट्रकों पर हुई कार्रवाई को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने बताया कि 45 से अधिक ट्रक को जब्त किया गया है. सभी का चालान बक्सर तक ही वैध था. उसके बाद भी ये लोग लाल बालू की तस्करी के लिए उतर प्रदेश में जा रहे थे. यूपी के बॉर्डर से सभी ट्रक को जब्त किया गया है. सभी को नया बाजार ले जाया जा रहा है. एफआईआर कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. जिसके बाद अखबार से लेकर टीवी एवं सोशल मीडिया में बयान के आधार पर कुल 45 ट्रकों पर कार्रवाई होने की खबर छपी और अगले दिन जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान खुद बॉर्डर पर जांच करने पहुंच गए लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा.

जिला प्रशासन के ही अधिकारी ने खोला राज

मीडिया में चल रहे 45 ट्रकों पर हुई कार्रवाई की खबर देख जिला प्रशासन के ही एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने के शर्त पर बताया कि बीच रास्ते से ही लेनदेन करके 23 ट्रक को छोड़ दिया गया है और मात्र 22 पर ही एफआईआर दर्ज किया गया है. बक्सर व्यवहार न्यायालय से जब एफआईआर की कॉपी निकाली गई, तो विभागीय अधिकारियों में हड़कम्प मच गया. प्रभारी खनन पदाधिकारी श्रेयांस तिवारी मेडिकल लिव पर चले गए और अधिकारी बचने के लिए तरह-तरह के उपाय करने में जुट गए.

बालू को बना दिया कोयला और सीमेंट

45 ट्रकों पर लदे लाल बालू का चालान देख उसे जब्त करने के बाद मात्र 22 पर ही एफआईआर होने की बात जब खनन निरीक्षक आकाश कुमार पांडे से पूछा गया कि, प्रभारी खनन पदाधिकारी ने 45 ट्रकों को जब्त होने का बयान दिया था तो 22 पर ही एफआईआर क्यों दर्ज हुआ ? जिस पर सफाई देते हुए उन्होंने बताया कि, 22 गाड़ियां ही पकड़ी गई थी और 22 पर एफआईआर हुआ है. जब्त कर ले जाने के दौरान कुछ गाड़ियों के चालक वाहन लेकर भागने में भी सफल हुए हैं. अन्य गाड़ियों पर कोयला और सीमेंट लदा हुआ था. 22 ट्रकों पर एफआईआर करने के लिए मुझे दिया गया और हमने कर दिया. वरीय अधिकारी क्या कहते हैं, उसका जवाब वही देंगे. इस मामले को उजागर होने के बाद जिला में चर्चाओं का बाजार गर्म है. खनन विभाग के अधिकारी उस अधिकारी की तलाश करने में लगे हुए है, जिसने इस राज से पर्दा हटा दिया. वहीं, पकड़े गए ट्रक मालिकों में भी आक्रोश है कि अन्य लोगों को छोड़कर केवल उनपर ही एफआईआर क्यों किया गया?

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