आलमगीर आलम 10:45 बजे परवर्तन निदेशालय पहुंचे जिसके बाद ईडी के अधिकारियों ने उनसे पूछताछ शुरू कर दी. इससे पहले ईडी ने रविवार को समन भेजकर आलमगीर आलम को 14 मई को ईडी के जोनल ऑफिस में उपस्थित होने को कहा था।
ईडी की टीम बीते सात मई की दोपहर को मंत्री आलमगीर के निजी सचिव संजीव लाल को लेकर झारखंड मंत्रालय पहुंची थी. जहां ग्रामीण विकास विभाग के कार्यालय स्थित संजीव लाल के चैंबर में ईडी ने तलाशी ली और कई कागजातों की जांच की. तलाशी के दौरान ईडी को एक ड्रॉवर से करीब दो लाख मिले थे. ईडी को जानकारी मिली है कि झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग में भ्रष्टाचार और ठेकों से कमीशन के नाम पर उगाही का पैसा संजीव लाल तक पहुंचता था. पैसों की उगाही के लिए वह विभाग के इंजीनियरों व कुछ प्राइवेट लोगों का इस्तेमाल किया करता था. ईडी ने कोर्ट को भी बताया है कि झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के निचले अधिकारियों से लेकर उच्च पदस्थ पदाधिकारियों का नेक्सस इस करप्शन में शामिल हैं. अफसर-नेताओं तक करोड़ों रुपये पहुंचे हैं. इन सभी को काफी बड़ी मात्रा में कैश पैसे पहुंचाये जाने की बात भी शुरुआती जांच में सामने आयी है।
ईडी जांच में आये तथ्यों के मुताबिक, जहांगीर के गाड़ीखाना स्थित फ्लैट से जो 35.28 करोड़ बरामद किये गये थे, वह महज तीन माह में जमा किये गये थे. फ्लैट की खरीद भी कुछ माह पूर्व जहांगीर के नाम पर सिर्फ इसलिए की गयी थी, ताकि यहां पैसों को रखा जा सके. मुन्ना सिंह के यहां से बरामद 2.93 करोड़ रुपये भी यहीं शिफ्ट किये जाने थे, लेकिन इससे पहले ईडी की टीम ने छापेमारी कर इन पैसों को बरामद कर लिया।