Desk- नरेंद्र मोदी तीसरी बार लगातार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. ऐसा करने वाले वे देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरे व्यक्ति हैं.
नरेंद्र मोदी के साथ ही उनकी पार्टी और सहयोगी दल के नेता भी मंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. लोगों की निगाहें इस बार प्रधानमंत्री के बाद दूसरे सबसे पावरफुल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर भी है. क्या अमित शाह लगातार दूसरे टर्म में भी गृह मंत्रालय का कामकाज देखेंगे या फिर उनकी की जगह किसी दूसरे नेता को ये अहम मंत्रालय मिलेगा.
बताते चलें कि 2014 में चुनाव जीतने के बाद जब पहली बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे तो राजनाथ सिंह को गृह मंत्री बनाया गया था और लगातार 5 साल तक गृह मंत्री के रूप में काम किया था, लेकिन 2019 के चुनाव में राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय दिया गया और अमित शाह केंद्रीय गृह मंत्री बने. आमतौर पर गृह मंत्री को मंत्रिमंडल का दूसरा सबसे पावरफुल मंत्री माना जाता है. 2019 के चुनाव में बीजेपी को अपार बहुमत मिली थी और उसमें अमित शाह की बड़ी भूमिका मानी गई है यही वजह है कि मोदी और अमित शाह की जोड़ी ही लगातार 5 साल तक सरकार और पार्टी चलाती रहे, पर इस बार 2024 के चुनाव में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है और सहयोगी दलों के भरोसे तीसरी बार नरेंद्र मोदी की सरकार बन रही है.
चुनाव परिणाम आने के बाद राजनाथ सिंह की भूमिका थोड़ी बढ़ती हुई दिख रही है. इस बार एनडीए की सभी बैठक में नरेंद्र मोदी के बगल में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और उनके बगल में राजनाथ सिंह की कुर्सी लगाई गई थी जबकि अमित शाह राजनाथ सिंह के बाद बैठे नजर आए थे. यानी नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बीच दो कुर्सियां लगी थी. इसे राजनीतिक विश्लेषकों को यह आभास हो रहा है कि शायद इस बार अमित शाह के पोर्टफोलियो में भी बदलाव हो सकता है.
बताते चलें कि राजनाथ सिंह अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में भी अहम मंत्री के रूप में काम किए थे और गठबंधन दलों के साथ समन्वय बनाने में उनकी भी बड़ी भूमिका रहती थी इसलिए यह संभव है कि नरेंद्र मोदी बदली हुई परिस्थिति में राजनाथ सिंह की भूमिका को बड़ा करें. ऐसे में अमित शाह का पावर कम हो सकता है, अगर ऐसा होता है तो मान कर चले कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की कार्यशाली थोड़ी बदली हुई नजर आए.