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पटना का मोइन-उल-हक स्टेडियम बनेगा वर्ल्ड क्लास, डिप्टी CM तेजस्वी यादव एक्शन मोड में

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पिछले दिनों राजधानी पटना के मोईन उल हक़ स्टेडियम में रणजी मैच हुआ था - बिहार और मुंबई की टीम के बीच में. मुंबई की टीम ने बिहार को एक पारी और 51 रन से हरा दिया. लेकिन एक और मोर्चे पर बिहार की हार हुई. ये ख़ुशी की बात जरुर थी कि 23 साल बाद बिहार में कोई रणजी मैच हुआ था लेकिन स्टेडियम की दुर्दशा ने समूचे विश्व में बिहार की फजीयत करा दी. स्टेडियम का जर्जर बुनियादी ढांचा उपेक्षा की एक दुखद कहानी बता गया. 

स्टेडियम की दुर्दशा ने कराई फजीहत


दर्शकों का स्वागत जीर्ण-शीर्ण सुविधाओं, अपर्याप्त बैठने की व्यवस्था और एक गैर-कार्यात्मक स्कोरबोर्ड द्वारा किया गया। खेल के प्रति अपने जुनून के लिए जाने जाने वाले तेजस्वी यादव के राज्य के उपमुख्यमंत्री होने के बावजूद स्टेडियम की बिगड़ती हालत देखने को मिली. बंद गेटों और 'खतरे' के संकेतों ने उन दर्शकों का स्वागत किया जो अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को एक-दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते देखने के लिए स्टेडियम में आए थे। मोइन-उल-हक स्टेडियम परिसर क्रिकेट के अलावा कई अन्य गतिविधियों का भी मेजबान है।

 स्टेडियम से एक पुलिस स्टेशन और पटना मेट्रो की एक अस्थायी कार्यशाला संचालित होती है। मैच के दूसरे दिन पटना मेट्रो परिसर में भारी मशीनें चालू रहीं. थाने में जब्त व कबाड़ वाहनों की भी भीड़ देखी गयी. कुछ बंद प्रवेश द्वारों के पीछे कपड़ों की डोरियों पर कपड़े सूखते हुए भी देखे गए। स्थानीय लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर इंडिया टुडे को बताया कि उसी स्टेडियम में कुछ पुलिस अधिकारियों के आवास हैं. यही नहीं बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के दो अलग-अलग गुटों के बीच गाली-गलौज और हाथापाई हुई थी, जिसके बाद स्थिति को शांत करने के लिए स्थानीय पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा था.

एक्शन मोड में डिप्टी CM

लेकिन अब सुनने में आ रहा है कि बिहार सरकार एक्शन मोड में  आ गया है. कहा जा रहा है कि राज्य की नीतीश सरकार स्टेडियम का पुनर्वास कराएगी और इसे वर्ल्ड क्लास बनाएगी. बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव ने बुधवार को मोइन-उल-हक़ स्टेडियम के पुनर्वास एवं नवनिर्माण की समीक्षा की है. उन्होंने विश्वस्तरीय स्टेडियम के निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी ली साथ ही अधिकारियों को दो हफ्ते में DPR का काम पूरा कर आगे की कार्यवाही करने का निर्देश दिया है. 

डिप्टी CM तेजस्वी यादव ने पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद बताया कि मोइन-उल-हक स्टेडियम को वर्ल्ड क्लास बनाया जाएगा. इसमें स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, फाइव स्टार होटल, रेस्टोरेंट, बेहतर ड्रेनेज सिस्टम, पार्किंग व्यवस्था, पटना मेट्रो कनेक्टिविटी के साथ-साथ और भी वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी डेवेलोप की जा रही हैं. डिप्टी CM ने इन कार्यों की रुपरेखा तय करने के लिए जल्द DPR तैयार करने का निर्देश दिया है. 

गुटबाजी का शिकार BCA

आपको बता दें कि बीते 45 साल से इस स्टेडियम का रिनोवेशन नहीं हुआ है. आप इसी से स्टेडियम की दुर्दशा का अंदाजा लगा सकते हैं. बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में लंबे समय से चल रही गुटबाजी भी इसकी प्रमुख वजह है. ऐसा नहीं है कि बिहार में अच्छे क्रिकेट टैलेंट नहीं हैं. लेकिन राजनीति, गुटबाजी का शिकार होकर वो या तो हार मान लेते हैं या फिर दूसरे राज्यों का रुख करते हैं. भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर-बल्लेबाज ईशान किशन बिहार से ही आते हैं लेकिन वो झारखंड की तरफ से फर्स्ट क्लास खेलते हैं. बिहार को कम से कम अपने पड़ोसी झारखंड से ही कुछ सीख लेनी चाहिए. और लगता है इतनी किरकिरी होने के बाद बिहार सरकार होश में आई है और मोइन-उल-हक़ स्टेडियम को वर्ल्ड क्लास बनाने का फैसला लिया है. 

आपके अनुसार में बिहार में स्टेडियम की दुर्दशा की मुख्य वजह क्या है ? कमेन्ट करके जरुर बताएं.

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