लोकसभा चुनाव की लहर इन दिनों बिहार में काफी ज्यादा तेज हो गई है. टिकट पाने की होड़ में लगातार नेताओं के बीच पार्टियों को छोड़ने और जॉइन करने का सिलसिला जारी है. एनडीए हो या फिर महागठबंधन तमाम पार्टियों ने अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कमर कस ली है. ऐसे में बड़ी खबर बीजेपी सांसद को लेकर सामने आ रही, जिनके बारे में कहा जा रहा कि उन्होंने पार्टी से बगावत करने का विचार बना लिया है. दरअसल, खबरें सामने आ रही है कि, भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद अब कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं. ऐसी चर्चा जोरों पर है कि, दिल्ली में वे पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं और वे मुजफ्फरपुर से कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे. बता दें कि, अभी विधायक बिजेंद्र चौधरी वहां से प्रबल दावेदार हैं.
अजय निषाद बदलेंगे पाला
इसके साथ ही आपको यह भी बता दें कि, उनके अलावा प्रदेश अध्यक्ष डा. अखिलेश प्रसाद सिंह के पुत्र आकाश सिंह भी पश्चिम चंपारण या मुजफ्फरपुर के लिए आस लगाए हुए हैं. अजय अगर कांग्रेस में आते हैं तो इस चुनाव में पाला बदल का यह बड़ा उदाहरण होगा. इधर, पार्टी से बगावत को लेकर सिर्फ अजय निषाद का ही नाम सामने नहीं आ रहा बल्कि भाजपा से बेटिकट हुए सासाराम के सांसद छेदी पासवान भी कांग्रेस के संपर्क में बताए जा रहे हैं और चर्चा है कि, वे भी पाला बदल सकते हैं. याद दिला दें कि, 20 मार्च को दिल्ली में पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी का विलय करते हुए कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी. पूर्णिया से चुनाव लड़ने की आशा में वे कांग्रेस में आए थे. हालांकि, सीट बंटवारे में पूर्णिया राजद के खाते में चली गई है.
छेदी पासवान के भी चर्चे तेज
तो वहीं, मुजफ्फरपुर कांग्रेस को मिली है. इस बीच पप्पू के आने से क्षुब्ध होकर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. अनिल शर्मा पार्टी छोड़ चुके हैं. कुछ और नेताओं के साथ छोड़ जाने के बीच अजय निषाद की पार्टी में एंट्री कांग्रेस के लिए सुकून-भरी हो सकती है. बात कर लें अजय निषाद की तो अजय मुजफ्फरपुर से लगातार दो बार भाजपा के टिकट पर विजयी रहे हैं. पिछली बार महागठबंधन में विकासशील इंसान पार्टी के राज भूषण चौधरी को उन्होंने शिकस्त दी थी. वहीं, 2014 में कांग्रेस प्रत्याशी रहे डा. अखिलेश प्रसाद सिंह को अजय ने 22422 मतों के अंतर से पराजित किया था. लेकिन, इस बार अजय की दावेदारी को दरकिनार करते हुए भाजपा राजभूषण चौधरी को अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी है. वैसे ही सासाराम में पिछले दो बार से विजेता रहे छेदी पासवान की जगह भाजपा ने शिवेश राम पर अपना दांव लगाया है.
कुल 6 विधानसभा सीटें हैं
आखिर में बात कर लें मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र की तो इसमें 6 विधानसभा सीटें आती हैं. 1. गायघाट विधानसभा सीट. यह आरजेडी के कब्जे में है. 2. औराई विधानसभा सीट जहां से अभी बीजेपी के विधायक हैं. 3. बोचहां विधानसभा सीट आरक्षित है. यहां से अभी आरजेडी के अमर पासवान विधायक हैं. 4. सकरा विधानसभा सीट आरक्षित है. यहां से जेडीयू के अशोक कुमार चौधरी विधायक हैं. 5. कुरहनी विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक हैं. 6. मुजफ्फरपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस बृजेंद्र चौधरी विधायक हैं. ऐसे में मुजफ्फरपुर में कहीं ना कहीं कांटे की चक्कर हो सकती है.