Desk- राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती के अवसर पर उनके पैतृक गांव बेगूसराय जिले के सिमरिया में समारोह का आयोजन किया जा रहा है.
इस समारोह में कई शिक्षाविद के साथ ही राजनेता भी शामिल हो रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथआर्लेकर लेकर आज सिमरिया गांव आएंगे और यहां आयोजित समारोह में शामिल होंगे.इसके साथ ही स्थानीय बेगूसराय सांसद और मोदी सरकार के मंत्री गिरिराज सिंह भी शामिल होंगे साथ ही बिहार सरकार के कई मंत्री और विधायक इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.
बताते चलें कि पद्म विभूषण रामधारी सिंह दिनकर का जन्म बेगूसराय जिले के सिमरिया गांव में 23 सितंबर 1908 ईस्वी में हुआ था. वह मोकामा के स्कूल में पढ़ने के लिए अपने गांव सिमरिया से गंगा तैर कर जाते थे.उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से इतिहास और राजनीति विज्ञान में स्नातक किया था. हिंदी के साथ ही वे अंग्रेजी बांग्ला संस्कृत और उर्दू के जानकार थे. वे विद्यालय में अध्यापक,बिहार सरकार की सेवा में सब- रजिस्ट्रार और प्रचार विभाग के उपनिदेशक के साथ ही लंगट सिंह विद्यालय में प्रोफेसर और उप कुलपति और कुलपति के रूप में कार्य किया था. वे भारत सरकार के हिंदी के सलाहकार के पद पर भी काफी दिनों तक रहे.
रामधारी सिंह दिनकर करीब 12 साल तक राज्यसभा के सांसद भी रहे. उन्होंने हुंकार,कुरुक्षेत्र रश्मिरथी जैसे कई रचनाएं लिखी,जिनकी पंक्तियां आज भी कई लोगों के जुबान पर होते हैं. उनकी कविताएं राजनेता और शिक्षाविद अपने भाषण के दौरान लोगों को प्रेरित और उत्साहित करने के लिए करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि रामधारी सिंह दिनकर को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बहुत चाहते थे और उन्हें कई पदों पर काम करने का अवसर दिया था. इसके बावजूद रामधारी सिंह दिनकर दरबारी कवि बनने के बजाय सार्वजनिक मंचों से जवाहरलाल नेहरू की गलत नीतियों का विरोध करते हुए उनका ध्यान आकृष्ट कराते थे.