केंद्र सरकार के द्वारा आज से तीन नए कानून को लागू किया गया है इस कानून पर जहां आम लोगों में जिज्ञासा है वहीं इस कानून के बारे में पटना हाई कोर्ट के वकीलों ने अपनी राय रखी है और लोगो किं समस्या को दूर करने का प्रयास किया गया है।पटना हाई कोर्ट के वकील मनोहर प्रसाद सिंह ने बताया कि अंग्रेजों के समय में जो कानून था उसको रिप्लेस करके नया कानून बनाने की जरूरत आज पार्लियामेंट को थी, बहुत से कानून जो अनुपयोगी हो गए उसकी जरूरत नहीं रह गई उसको हटाया गया है और नए कानून का समावेश किया गया है आज के सामाजिक परिवेश में इस तरह के कानून की जरूरत है आज जो वातावरण है इस वातावरण में लोग क्राइम करते हैं आज डिजिटल इंडिया और मोबाइल का जमाना है साइबर क्राइम जिस तरह से हो रहे हैं नए कानून की आवश्यकता है अन्यथा अपराधी कानून के अभाव में फ्री घूमते थे छूट जाते थे उनके ऊपर कोई अंकुश नहीं रहता था बैंक अकाउंट में साइबर क्राइम के द्वारा पैसे निकालना किसी तरह अकाउंट हैक करने जैसे कई मामलों में कानून को लागू किया गया है नए कानून के तहत इन्हें जोड़ा गया है जो जरूरी नहीं था ऐसे कानून को हटाया गया और पनिशमेंट का प्रावधान जो पुराने कानून में काम थे उससे और मजबूत किया गया है fir करने के लिए अब कंसर्न थाने में जाकर ही पुराने कानून के तहत जाकर मामला दर्ज करना होगा जिस थाने के अंतर्गत यह घटना घटी है आज वर्तमान समय में कहीं भी आप जीरो एफआईआर दर्ज कर सकते हैं और फिर बाद में आप संबंधित थाने में जाकर उसे मामले को दर्ज कर सकते हैं डिजिटल इंडिया के तहत यह काम आसान हो गया है हाई कोर्ट के वकील नीरज कुमार ने बताया कि कम्युनिटी सर्विस के तहत होने वाले क्राइम को ऐड किया गया है ऑर्गेनाइज्ड क्राईम की अलग कैटेगरी बनाई गई है बहुत सारे लोग मिलकर अगर किसी घटना को अंजाम देते हैं रोबरी या फिरौती इसके लिए अलग से सजा का प्रावधान किया गया है स्नैचिंग की घटना या साइबर क्राइम से संबंधित घटना डेबिट क्रेडिट कार्ड से संबंधित घटना जो फ्रॉड की घटना हो रही थी ऑर्गेनाइज्ड क्राईम को बनाया गया इसमें एक पनिशमेंट निर्धारित किया गया है।