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लापरवाही पड़ेगी भारी : ऑनलाइन अटेंडेंस को लेकर शिक्षा विभाग का नया आदेश..

Negligence will cost heavily: New order of Education Departm

Desk- ऑनलाइन अटेंडेंस बनाने में लापरवाही करने वाले शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ाने वाली है क्योंकि शिक्षा विभाग में अब ऑनलाइन अटेंडेंस नहीं बनाने वाले शिक्षकों के वेतन बंद करने का फैसला किया है इससे संबंधित आदेश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव सिद्धार्थ ने जारी कर दिया है.

 आदेश के मुताबिक 1 अक्टूबर से हर हाल में हर एक शिक्षक को ऑनलाइन अटेंडेंस बनाना ही होगा, क्योंकि शिक्षकों की सैलरी इसी ऑनलाइन अटेंडेंस के आधार पर बनेगी जो शिक्षक अटेंडेंस ऑनलाइन नहीं बनेंगे उन्हें वेतन नहीं मिल पाएगा. इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने  ई शिक्षा एप्लीकेशन को 1 सितंबर से अपडेट करने का आदेश जारी किया है. नए एप्लीकेशन में कई तरह के बदलाव किए गए हैं जिससे शिक्षकों को अटेंडेंस बनाने में सुविधा होगी.

जानकारी के मुताबिक, शिक्षकों के लिए ऑनलाइन अटेंडेंस अनिवार्य होने जा रहा है। अब ऐप पर ऑनलाइन अटेंडेंस बनाने वाले शिक्षकों को ही सैलेरी मिलेगी। हालांकि जो ऐसा कर पाने में सक्षम नहीं होंगे, हेड मास्टर उनकी हाजिरी बना देंगे। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी कर दिया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने ई शिक्षकोष एप्लीकेशन पर ऑनलाइन अटेंडेंस नहीं बनाने वाले शिक्षकों को चेतावनी जारी की है। 

 अपने आदेश में अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा है कि सभी शिक्षक 1 सितंबर को अपने एंड्रॉयड फोन के गूगल प्ले स्टोर से ई शिक्षाकोष एप्लीकेशन को अनिवार्य रूप से अपडेट करेंगे। अब शिक्षकों को अटेंडेंस बनाने के लिए दो विकल्प मिलेंगे, जिसमें स्कूल एडमिन का नया विकल्प दिया गया है। पूर्व की तरह प्रधानाध्यापक और शिक्षक स्वयं के मोबाइल से अपना अटेंडेंस बना सकते हैं। इसके अलावा नए विकल्प के तहत विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा स्कूल एडमिन के माध्यम से प्रधानाध्यापक और शिक्षक की उपस्थिति दर्ज की जा सकती है। अटेंडेंस बनाने के क्रम में मार्क अटेंडेंस बटन दबाने के बाद विद्यालय प्रांगण में हाजिरी दिखाने के लिए विद्यालय प्रांगण से फोटो खींचकर एप्लीकेशन पर अपलोड करना है। यदि कोई शिक्षक विद्यालय प्रांगण से बाहर ड्यूटी में हैं तो उसके लिए भी अटेंडेंस में प्रबंध है।



बताते चलें कि अभी ऑनलाइन एप्लीकेशन पर प्रतिदिन लगभग 4.50 लाख शिक्षक और प्रधानाध्यापक  ऑनलाइन उपस्थित बना रहे हैं. यह कल शिक्षकों का करीब 80 फ़ीसदी है, जबकि 20 फ़ीसदी शिक्षा का भी भी ऑनलाइन अटेंडेंस बनाने में लापरवाही बरत रहे हैं.उनके लिए स्कूल एडमिन का विकल्प जोड़ा गया है। 


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