आरक्षण बढ़ाने को कोर्ट जाएंगे तेजस्वी यादव, राजद का हमला - बिहार को धोखा दे रहे मोदी-नीतीश, संसद में केंद्र ने बोल रही है
बिहार में जातीय गणना के बाद आरक्षण के दायरे को 65 प्रतिशत बढ़ाने को केंद्र की NDA सरकार द्वारा संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल नहीं करने पर शुक्रवार को राजद नेता तेजस्वी यादव ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों पर पहले से ही आशंका थी कि वे ऐसा करेंगे. राज्यसभा में हमारे सांसद मनोज झा ने इसे लेकर सवाल भी किया लेकिन 'मनोज झा के प्रश्न पर केंद्रीय मंत्री ने झूठ बोला. उन्होंने कहा कि बिहार में जब राजद-जदयू की महागठबंधन सरकार थी उसी समय हमने '65 फीसदी आरक्षण प्रावधान को तमिलनाडु की तर्ज पर नौवीं अनुसूची डालने की मांग की थी.
उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही कहते रहे हैं कि भाजपा जाति गणना के खिलाफ है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देना चाहती और '65 फीसदी आरक्षण को नौवीं अनुसूची में नहीं डालना चाहती. उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग ही 65 फीसदी आरक्षण के खिलाफ कोर्ट जाएंगे. ऐसा ही हुआ और अब कोर्ट ने इस पर रोक लगाई है. एनडीए की केंद्र और बिहार दोनों जगहों की सरकार नहीं चाहती है कि इसे नौवीं अनुसूची में डाला जाए. उन्होंने कहा कि हम लोग इसके खिलाफ कोर्ट में जाएंगे.
तेजस्वी ने मोदी सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र ने अपने जवाब में कहा कि नौवीं अनुसूची में डालने का अधिकार राज्य का है. यह पूरी तरह से मोदी सरकार झूठ बोल रही है. यह अधिकार केवल केंद्र को है. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए कहा कि चाहे नीतीश हों या जदयू सबके मुंह में दही जमा है. इनकी नीयत ही नहीं है कि नौवीं अनुसूची में इसे डालें. पिछड़े, अति पिछड़े, एससी-एसटी के हित में ये काम ही नहीं करना चाहते.
उन्होंने सीएम नीतीश की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि नीतीश फेल हो चुके हैं. या तो उनकी बात को कोई सुन नहीं रहा है. इतना ही नहीं बिहार से एनडीए को वोट चाहिए लेकिन बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देंगे. विशेष पैकेज नहीं देंगे. इतना ही नहीं बजट में पुरानी योजनाओं को ही बिहार के नाम से जारी होने को बताया गया. उन्होंने कहा कि 65 फीसदी आरक्षण को नौवीं अनुसूची डालने को लेकर सडक से कोर्ट तक संघर्ष होगा. अगले सोमवार को इसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी.
वहीं तेजस्वी ने अनुसूचित जाति-जनजाति के वर्गीकरण का भी विरोध किया है. तेजस्वी ने कहा कि यह पूरी तरह से एससी-एसटी के हक के खिलाफ है. इसमें क्रीमीलेयर का कोई मामला बनता ही नहीं है. उन्होंने कहा कि यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अध्यादेश लाकर विसंगतियों को दूर करे.