बिहार में इन दिनों नियोजित शिक्षकों का मामला पूरी तरह से गरमाया हुआ है. राजधानी पटना में पिछले दिनों नियोजित शिक्षकों का जोरदार धरना-प्रदर्शन देखने के लिए मिला. बड़ी संख्या में पहुंचे नियोजित शिक्षकों ने एक स्वर में सक्षमता परीक्षा का बहिष्कार किया. इसके अलावा बिहार में शिक्षक संगठनों को एक साथ कर बनाए गए शिक्षक एकता मंच की ओर से परीक्षा के बहिष्कार की बात कही गई. हालांकि, इस बीच कई शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन कर दिए. शिक्षा विभाग की ही ओर से पत्र जारी किया गया है, जिसमें बताया गया है कि कुल 2.27 लाख नियोजित शिक्षकों ने परीक्षा के लिए आवेदन दे दिया है. बता दें कि, यह आंकड़ा कुल नियोजित शिक्षकों की संख्या का 70 प्रतिशत बताया जा रहा है. तो वहीं ऐसे शिक्षकों को नियोजित शिक्षकों ने कहा कि, वे आवेदन तो कर दिए हैं, लेकिन परीक्षा देने के लिए नहीं जाएं. वे साथ आकर इस सक्षमता परीक्षा का विरोध करें.
नहीं होगी निगेटिव मार्किंग
नियोजित शिक्षकों के आवेदन को लेकर संगठन के अंदर भी कई तरह की बातें चल रही हैं. उधर, बिहार राज्य शिक्षा विभाग की ओर से लगातार सक्षमता परीक्षा को लेकर कार्रवाई चल रही है. हर रोज कुछ न कुछ अपडेट सामने आ रहा है. ऐसे ही नए अपडेट से हम आपको अवगत कराते हैं. सक्षमता परीक्षा को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से प्रवेश-पत्र जारी कर दिया गया है. परीक्षा ऑनलाइन होने वाली है. परीक्षा पूर्व से ही निर्धारित तिथि के मुताबिक 26 फरवरी से 13 मार्च तक आयोजित होगी. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से 13 फरवरी तक आवेदन करने वाले नियोजित शिक्षकों को प्रवेश पत्र जारी कर दिया गया है. समिति की ओर से कहा गया है कि, परीक्षा में सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे. उसके अलावा परीक्षा में 150 ऑब्जेक्टिव टाइप के प्रश्न पूछे जाएंगे. शिक्षक सभी प्रश्नों के उत्तर दे सकते हैं. उन्हें निगेटिव मार्किंग की चिंता नहीं करनी होगी. यानि कि, निगेटिव मार्किंग के प्रावधान को हटा दिया गया है. वहीं कुछ शिक्षकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि, कुछ लोगों ने आवेदन दे दिया है. उन्हें संघ की ओर से समझाने का प्रयास किया जा रहा है. कोई भी नियोजित शिक्षक परीक्षा देने वाला नहीं है.
परीक्षा पूर्व महत्वपूर्ण जानकारी
परीक्षा समिति की ओर से आए नए अपडेट के मुताबिक, परीक्षार्थियों को कुल ढाई घंटे का समय दिया जाएगा. परीक्षा केंद्र पर आधे घंटे पहले पहुंचना अनिवार्य होगा. अपने साथ किसी भी तरह की कोई सामग्री और ब्लू टूथ जैसे उपकरण लेकर नहीं आना होगा. परीक्षा केंद्र में प्रवेश के समय परीक्षार्थियों की जांच की जाएगी. राज्य के प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक कक्षाओं के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाये जाने वाले सभी विषय परीक्षा के सिलेबस में शामिल किए जाएंगे. बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा प्रथम चरण और द्वितीय चरण के लिए निर्धारित किया गया पाठ्यक्रम ही लागू किया जाएगा. कक्षा एक से पांच तक के शिक्षकों के लिए भाषा में 30, सामान्य अध्ययन में 40 और सामान्य विषय के 80 प्रश्न होंगे. वहीं, कक्षा छठी से आठवीं के शिक्षकों के लिए भाषा में 30, सामान्य अध्ययन में 40 और संबंधित विषय में 80 प्रश्न होंगे.
परीक्षा समिति ने जारी किया गाइडलाइन
वहीं, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से जारी किए गए परीक्षा को लेकर जो गाइडलाइन जारी किए गए हैं उसके मुताबिक कक्षा नौवीं से 10वीं तक के शिक्षकों के लिए भाषा में 30, सामान्य अध्ययन में 40 और संबंधित विषयों में 80 प्रश्न पूछे जाएंगे. कक्षा 11वीं से 12वीं तक के शिक्षकों के लिए भाषा में 30, सामान्य अध्ययन में 40 और संबंधित विषय के 80 प्रश्न पूछे जाएंगे. कुल मिलाकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पूर्व की भांति परीक्षा लेने की तैयारी में जुटा हुआ है. नियोजित शिक्षक और शिक्षक एकता मंच की ओर से परीक्षा के बॉयकॉट का फैसला ले लिया गया है. इस मामले पर कई शिक्षक क्लियर नहीं हैं. आवेदन करने वाले शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने आवेदन कर दिया है और परीक्षा भी देंगे. लेकिन, उनका यह भी कहना है कि, वे संगठन से अलग नहीं है. यदि शिक्षक एकता मंच उनके परीक्षा देने का विरोध करता है, तो वे परीक्षा नहीं देंगे. उन्होंने सावधानी के तौर पर फॉर्म भर दिया है. हालांकि, यह तो देखने वाली बात होगी कि परीक्षा देने के लिए आखिर कितने नियोजित शिक्षक पहुंचते हैं.