बिहार में आज नीतीश कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें कुल आठ प्रस्तावों पर स्वीकृति की मुहर लगी है. कैबिनेट के जिन प्रस्तावों पर मुहर लगी है उनमें महत्वपूर्ण हैं छात्रवृति देना. अब विदेशों से मेडिकल की पढ़ाई पर इंडियन मेडिकल ग्रेजुएट्स को चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों में इंटर्नशिप की सुविधा दी जाएगी. आज की कैबिनेट मीटिंग में इस पर मुहर लगा दी गई है.
चिटफंड कंपनियों पर शिकंजा
बिहार के सभी जिलों में खासकर ग्रामीण इलाकों में संचालित चिटफंड कंपनियों की मनमानी पर शिकंजा कसा जाएगा. लोगों से बड़े ब्याज के नाम पर भारी लाभ का प्रलोभन देकर जालसाजी करने वालों पर अब कड़ी कार्यवाई की जाएगी. उनपर अब कठोर धाराओं में केस दर्ज कर पुलिस साथ कानूनी कार्यवाई करेगी. धोखाधड़ी करने वालों पर कार्यवाई को लेकर कानून का प्रावधान किया गया है. बिहार अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी नियमावली 2023 को हरी झंडी दे दी गई है.
बिहार में बायो फ्यूल्स के उत्पादन
बिहार में बायो फ्यूल्स के उत्पादन को लेकर भी नई पॉलिसी बनाई गई है. बिहार बायो फ्यूल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2023 को मंजूरी दे दी गई है. इसके तहत राज्य सरकार अनुदान देगी. अधिकतम 5 करोड़ रूपए तक का अनुदान दी जाएगी. एथनॉल उत्पादन को लेकर यह पॉलिसी लाई गई है.
निवेश को मिलेगा प्रोत्साहन
राज्य सरकार ने बिहार राज्य निवेश प्रोत्साहन(वस्त्र एवं चर्म) नीति, 2022 को दिया अवधि विस्तार है. इसके तहत प्रथम चरण के लिए आवेदन की तिथि 30 जून 2024 और वित्तीय मंजूरी की तिथि 30 जून 2025 किया गया है. कपड़े एवं चमड़े के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन करने के लिए नीति की घोषणा की गई है.
इसके अलावा वास्तुविद सेवा नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव स्वीकृत हो गया है. संशोधन के बाद भवन निर्माण विभाग में संविदा पर नियोजित कर्मियों को नियमित नियुक्ति में छूट मिलेगी. इसके तहत उन्हें नियमित बहाली में 25 प्रतिशत का वेटेज दिया जाएगा. भवन निर्माण विभाग में अनावश्यक 53 आशुलिपिक के पद खत्म कर दिए गए हैं तो दूसरी तरफ विभिन्न श्रेणी के पांच पद सृजित किए गए हैं.
सरकारी वकीलों का होगा चयन
सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, और जिला कोर्ट में सरकारी वकीलों के चयन के लिए नियमावली बनाई गई है. बिहार विधि पदाधिकारी नियमावली 2021 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. चयन के लिए तीन सदस्य समिति बनेगी. एडवोकेट जनरल, विधि सेक्रेट्री और विधि विभाग के संयुक्त सचिव कमिटी के मेंबर होंगे. जिला स्तर पर डीएम और जिला जज पैनल बनाकर भेजेंगे, समिति अंतिम रूप से चयन करेगी. सरकारी वकील काम कर पाएंगे या नहीं कर पाएंगे, यह सब इसमें नियमावली में तय की गई है.