Daesh NewsDarshAd

नीतीश-चिराग पासवान के बदल रहे रिश्ते, मिलकर करेंगे राजनीति, अब तेजस्वी...

News Image

PATNA- ऐसा लगता है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार और लोजपा (रामविलास) के नेता चिराग पासवान के बीच के संबंध अब बेहतर हो रहे हैं. ऐसा लगता है कि  2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों नेताओं के बीच संबंधों की तल्ख़ी 2024 के लोकसभा चुनाव के रिजल्ट आते-आते खत्म हो गए हैं. इस चुनाव में चिराग पासवान ने 2019 की तरह ही सौ फीसदी रिजल्ट दिया है यानी 5 में से पांचो सीटों पर जीत दर्ज की है, और नीतीश कुमार की जदयू ने भी बिहार बीजेपी से बेहतर प्रदर्शन किया है.जदयू को बिहार में 16 में से 12 सीटें मिली हैं जबकि भाजपा को 17 में 12 सीट मिली है.

 आज दिल्ली में एनडीए गठबंधन की बैठक होने जा रही है जिसमें शामिल होने के लिए सीएम नीतीश कुमार दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं. दिल्ली रवाना होने से ठीक पहले चिराग पासवान अपने सभी सांसदों के साथ नीतीश कुमार से मुलाकात करने सीएम हाउस पहुंच गए. हालांकि से इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया जा रहा था लेकिन ऐसी संभावना है कि अब नीतीश कुमार और चिराग पासवान दोनों मिलकर बिहार के राजनीति करेंगे. केंद्र में बनने वाली मोदी सरकार के साथ बिहार के हितों को लेकर सामूहिक रूप से दवाब की भी राजनीति कर सकेंगे, क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव परिणाम में मोदी सरकार को बिहार की नीतीश और चिराग पासवान की पार्टी पर निर्भरता बढ़ा दी है. बीजेपी को अकेले बहुमत नहीं मिल पाई है और उसे आंध्र प्रदेश की  चंद्रबाबू नायडू और बिहार के नीतीश कुमार एवं चिराग पासवान की पार्टी को हर हाल में साथ रखना होगा. ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि बिहार के नीतीश कुमार और चिराग पासवान हिसाब सरकार बहुत फायदा उठाना चाहेंगे. जिस मुद्दे को येलोग काफी दिनों से अलग-अलग मंचों से उठा रहे थे उन मुद्दों को लेकर अब मोदी सरकार पर दबाव बना सकेंगे. वही दिल्ली में होने वाली बैठक से ठीक पहले नीतीश और चिराग पासवान की बैठक को लेकर कई तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं.

 बताते चलें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने एनडीए में रहते हुए भी नीतीश कुमार की जेडीयू पार्टी के खिलाफ सभी जगह प्रत्याशी खड़ा कर दिया था, चिराग पासवान की पार्टी खुद तो महज एक सीट पर जीत पाई थी लेकिन उनकी वजह से जदयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई थी. उस समय से नीतीश और चिराग पासवान के संबंध काफ़ी तल्ख़ हो गएथे.दोनों के  यही वजह है कि बाद में जेडीयू ने परोक्ष तरीके से चिराग पासवान की लोजपा पार्टी को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस 6 में से 5 सांसद के साथ अलग हो गए थे और केंद्र में मंत्री बन गए थे साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी खुद बन गए थे और चिराग पासवान को अलग-अलग कर दिया था. लेकिन समय ने करवट बदली और चिराग पासवान फिर से बिहार के लोकसभा चुनाव में 100 फीसदी रिजल्ट दिया है. और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस एवं उनकी टीम हाशिये पर चली गई है.

DarshAd
Darsh-ad

Scan and join

Description of image