Daesh NewsDarshAd

केके पाठक के फुल सपोर्ट में सरकार, अब शिक्षकों की एक भी नहीं सुनेंगे!

News Image

बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक इन दिनों अपने नये-नये फरमानों की वजह से सुर्खियों में हैं. हाल में ही रक्षाबंधन की स्वीकृत छुट्टी को जब रद्द कर दिया गया तो शिक्षकों ने इसका जोर शोर से विरोध किया. छुट्टियों में कटौती का विरोध शिक्षक संघों के द्वारा किया गया और आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी गयी. इस बीच शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों की छुट्टियों में कटौती का आदेश वापस ले लिया. लेकिन अभी भी के के पाठक नेन रमी नहीं बरतने के संकेत दिए हैं. स्कूलों में छुट्टी को लेकर हो रही समस्या के बारे में जिक्र करने वाला एक पत्र जारी हुआ है.

पत्र में कहा गया कि स्कूलों में सालाना 200 से 220 दिनों तक पढ़ाई पूरी कराना है. इसके लिए घोषित और अघोषित छुट्टियों पर फिर से विचार किया जाएगा. शिक्षा विभाग ने आगे कहा कि स्कूलों में घोषित और आकस्मिक छुट्टियों पर पुनर्विचार किया जाएगा. इसके बाद माना जा रहा है कि इस पर हंगामा फिर से बढ़ेगा.

शिक्षा विभाग का कहना है कि राइट टू एजुकेशन कानून, 2009 के तहत प्राथमिक स्कूलों में एक एकेडमी सेशन में कम-से-कम 200 दिन और मध्य विद्यालयों में कम-से-कम 220 दिन पढ़ाई का प्रावधान है. लेकिन घोषित और आकस्मिक अवकाशों के चलते ऐसा नहीं हो पा रहा है. जिला शिक्षा पदाधिकारियों की ओर से सिर्फ घोषित छुट्टियों की ही काउंटिंग की जाती है. जिला शिक्षा पदाधिकारियों की ओर से अघोषित अवकाश की गणना नहीं हो पाती है. आरटीई के तहत प्राइमरी स्कूलों में 200 और हाई स्कूलों में कम से कम 220 दिन पढ़ाई होनी चाहिए. मगर अभी 190 दिन से ज्यादा क्लास नहीं चल पा रही हैं. अलग-अलग जिलों में विभिन्न कारणों से छुट्टी रह रही है. पटना में 185, मुजफ्फरपुर में 181 और मोतिहारी में 186 ही कार्यदिवस हैं. 

बताया जाता है कि फिलहाल 190 दिन ही विद्यालय में पढ़ाई का कार्य हो पा रहा है. क्षेत्रीय जिला प्रशासन की ओर से समय-समय पर कई ऐसे अघोषित अवकाश दिए जाते हैं, जिससे स्कूलों में पढ़ाई बाधित होती है. अत्यधिक ठंड और गर्मी या बाढ़ प्रभावित इलाकों में भी स्कूलों में छुट्टियां दी जाती है. हालांकि, जब से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक आए हैं. लगातार स्कूलों में पढ़ाई को लेकर नए-नए आदेश जारी किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में अब विभाग स्कूल की छुट्टियों पर गंभीरता से विचार कर रहा.

29 अगस्त को शिक्षा विभाग ने संशोधित छुट्टी की सूची जारी की थी. जिसके तहत सितंबर से दिसंबर तक पड़ने वाली 23 छुट्टियों के घटाकर 11 कर दिया गया था. इसके बाद इस कटौती का विरोध शुरू हो गया. लगातार विरोध और बयानबाजी के बीच आखिरकार सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े. सरकार ने छुट्टियों में कटौती के आदेश सोमवार को ही वापस ले लिया.

शिक्षा विभाग और BPSC में भी पूरी तरह ठन गयी

बताते चलें कि शिक्षा विभाग और BPSC में भी पूरी तरह ठन गयी है. पहले केके पाठक ने अपने शिक्षा मंत्री से पंगा लिया. फिर राजभवन के कार्य क्षेत्र में दखल देने की कोशिश की. अब 1.70 लाख शिक्षक पदों की नियुक्ति की परीक्षा लेने वाले बीपीएससी से भी उन्होंने पंगा मोल ले लिया  है. बीपीएससी द्वारा सभी जिलों में शिक्षक भर्ती के लिए अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र का सत्यापन किया जा रहा है. जिसके लिए आयोग ने शिक्षकों और विभाग के कर्मियों को ड्यूटी पर लगाया है. बीपीएससी के इसी निर्देश को लेकर अब शिक्षा विभाग ने नाराजगी जाहिर कर दी है. शिक्षा विभाग ने बीपीएससी को लिखे लेटर में सीधे-सीधे इस बात पर अपनी आपत्ती जाहिर कर दी है और कहा है कि यह किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है और न ही यह शिक्षा हित में है.

प्रमाण पत्रों की जांच करने का अधिकार शिक्षकों और कर्मियों को नहीं

शिक्षा विभाग ने लेटर में लिखा है कि प्रमाण पत्रों की जांच करने का अधिकार शिक्षकों और कर्मियों को नहीं है. इसके लिए विभाग ने विद्यालय अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 के नियम 9 (i) का हवाला देते हुए बताया है कि नियुक्ति प्राधिकार को नियुक्ति पत्र निर्गत करने से पूर्व शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्र का सत्यापन किए जाने का प्रावधान विहित है. ऐसी स्थिति में उक्त नियम के विपरीत बिना अनुशंसा के सभी जिलों में शिक्षा विभागीय पदाधिकारियों / कर्मियों के माध्यम से प्रमाण-पत्रों के सत्यापन का कोई औचित्य नहीं है. 

शिक्षा विभाग ने बीपीएससी को नियमों का हवाला देते हुए कहा है कि सभी जिलों में शिक्षा विभागीय पदाधिकारियों एवं कर्मियों को प्रमाण-पत्रों के सत्यापन में लगाए जाने की मुक्त करें और विभाग को इसकी सूचना दें.

बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कर दिया केके पाठक का समर्थन

अब केके पाठक के इस फैसले पर बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने समर्थन कर दिया है. इस आशय का पत्र राज्य के मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को बुधवार को जारी कर दिया है. मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि इस कार्य में शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों, कर्मियों और शिक्षकों को छोड़कर जिला के किसी भी विभाग के पदाधिकारियों और कर्मियों के माध्यम से इस कार्य को कराया जाये. जिलाधिकारियों को कहा गया है कि इस कार्यों को समयबद्ध कार्यक्रम के तहत निष्पादित करने के लिए पदाधिकारियों व कर्मचारियों की आवश्यकता का आकलन करते हुए इस संबंध मेंअलग से संशोधित आदेश निर्गत किया जाएगा.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी केके पाठक का किया था बचाव

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी केके पाठक का किया था बचाव. छुट्टियों को लेकर उठे विवाद के बीच सीएम नीतीश कुमार ने पिछले दिनों शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का बचाव करते हुए उनके काम की तारीफ की थी. सीएम नीतीश ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि केके पाठक अच्छा काम कर रहे हैं. स्कूली छुट्टियों में कटौती का फैसला बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रखकर लिया गया. हालांकि, बाद में सीएम नीतीश ने ही उनका यह फैसला पलटने के आदेश दे दिए.

Darsh-ad

Scan and join

Description of image