बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील मोदी इन दिनों लगातार सुल्तानगंज-अगुवानी घाट पुल टूटने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर बने हुए हैं. पिछले दिनों उन्होंने महासेतु मामले पर सीबीआई जांच की मांग की थी. वहीं, अब एक बार फिर से उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए पूरी तरह से घेर लिया. दरअसल, सुशील मोदी ने कहा कि, पिछले आठ साल से निर्माणाधीन पड़े सुल्तानगंज महासेतु का हिस्सा ढहने की बड़ी घटना के बाद निर्माण एजेंसी पर तत्काल कड़ी करने के बजाय उसे 15 दिन का नोटिस देकर सरकार उसे बचा रही है.
सुहील मोदी ने यह भी कहा कि, इंजीनियर नीतीश कुमार बतायें कि जब नौ माह पहले इसी महासेतु का पाया ढह गया था, तब उनकी सरकार ने निर्माण एजेंसी के विरुद्ध क्या कार्रवाई की? यदि उस समय सेतु निर्माण में लापरवाही पर नरम रुख अपनाते हुए एजेंसी को क्लीनचिट न दी गई होती, तो पुल के पाये ढहने की घटना दोबारा न होती. पहली बार पाया धंसने की जांच आईआईटी रुड़की को दी गई थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट ऐसी दूसरी घटना के बाद आयी. इतनी देर से जांच रिपोर्ट देने वालों पर सरकार ने क्या कार्रवाई की?
आगे सुशील मोदी ने यह भी कहा कि, अगर पुल के स्ट्रक्चरल डिजाइन में गलती थी, तो इसे स्वीकृति देने वाले अभियंताओं पर क्या कार्रवाई हुई ? पथ निर्माण मंत्री कोई हो, सारे काम की मानीटरिंग मुख्यमंत्री करते हैं और उनकी मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता. जब सड़क, पुल, महासेतु तक सारे निर्माणों का श्रेय इंजीनियर मुख्यमंत्री स्वयं लेते हैं, तो पुल ढहने की जिम्मेदारी भी उन्हें लेनी चाहिए. सुशील मोदी ने इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके कार्य को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए.