राम मंदिर निर्माण का शुभारंभ कर चुनावी आगाज करने वाले नरेंद्र मोदी से एक कदम आगे निकलने की कोशिश में नीतीश कुमार हैं. 24 दिसंबर को नीतीश कुमार न केवल यूपी के मतदाताओं में जोश भरेंगे, बल्कि कुर्मी मतदाताओं के बीच अपनी स्वीकार्यता की तलाश भी करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं. वहीं, जनता दल (यू) की तरफ से पीएम पद के सबसे उपयुक्त उम्मीदवार नीतीश कुमार भी वाराणसी में एक विशाल जनसभा को संबोधित करने वाले हैं. मिली जानकारी के अनुसार 24 दिसंबर को नीतीश कुमार कुर्मी बाहुल्य क्षेत्र रोहनिया के जगतपुर कॉलेज में जनसभा को संबोधित करने वाले हैं. ये जानकारी जेडीयू के यूपी प्रभारी श्रवण कुमार ने दी.
क्या है पीएम मोदी का कार्यक्रम
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का 22 जनवरी 2024 को उद्घाटन करने जा रहे हैं. इस कार्यक्रम के लिए देश की तमाम बड़ी हस्तियों को निमंत्रित भी किया गया है. भाजपा की ओर से इस मिशन को व्यापक अंजाम देने की तैयारी है. कहा जा रहा है कि विशिष्ठ जन के साथ-साथ इस उद्घाटन समारोह में करीब 5 लाख श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुंचने की संभावना है. ये महती सभा इसलिए भी कि नरेंद्र मोदी की ओर से आगामी लोकसभा का चुनावी शंखनाद किया जा सके.
नीतीश का मिजाज भी चुनौती देने का
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद देश के क्षेत्रीय दल और भी मजबूत हुए हैं. क्षेत्रीय दलों को प्रमुखता देने और बड़ी पार्टी को उदार होने के नजरिए से इंडिया गठबंधन को देखने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी नरेंद्र मोदी के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है. इसकी धमक की शुरुआत नीतीश कुमार भी नरेंद्र मोदी की सीट बनारस से ही करना चाहते हैं.
ये कोई अनायास बना कार्यक्रम नहीं बल्कि सुनियोजित ढंग से तैयार किया गया प्रोग्राम भी है. इस जनसभा की तैयारी में ग्रामीण विकास मंत्री और यूपी के प्रभारी श्रवण कुमार काफी पहले से नीतीश की कार्यशैली और बिहार मॉडल के विकास की कहानी दुहराते रहे हैं. नीतीश कुमार जानते भी हैं कि पीएम पद की दावेदारी तभी बनेंगी, जब उत्तर प्रदेश पर इंडिया गठबंधन की पकड़ मजबूत होगी.