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फिर राबड़ी आवास पहुंचे नीतीश, 5 दिनों में लालू यादव से दूसरी मुलाकात; बार-बार मिलने के मायने समझिए

बिहार की सियासत के बदलते समीकरणों में जदयू और राजद में अंदरूनी कलह सामने आ रही हैं. इस बीच लालू-नीतीश की बढ़ती मुलाकातों की चर्चा सियासी गलियारों में जोर पकड़ रही है. इधर INDIA गठबंधन बनने के बाद से सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय नहीं होने को लेकर अलग ही सियासी हलचल चल रही है.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को अचानक राबड़ी आवास पर पहुंच गए. गांधी जयंती के कार्यक्रम से निकलकर नीतीश सीधे राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर पहुंच गए. वहां सीएम ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच 20 मिनट तक बात हुई. इस दौरान तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे. बिहार के सियासी गलियारे में चर्चा है कि लालू और नीतीश बार-बार एक दूसरे के आवास पर जाकर क्यों मिल रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार के साथ मंत्री विजय चौधरी भी राबड़ी आवास गए थे. दोनों नेताओ के बीच लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बातचीत हुई. खबर है कि सीट शेयरिंग पर विशेष रूप से चर्चा की गई. इंडिया गठबंधन बनने के 2024 के लिए सीट शेयरिंग आरजेडी और जेडीयू के बीच अहम मुद्दा है. नीतीश कुमार इसे शांति और सहमति के साथ निपटाना चाहते हैं क्योंकि बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बाहर करने और नरेंद्र मोदी को पीएम पद से हटाने की मुहिम नीतीश ने ही शुरू किया था.

इंडिया गठबंधन के विभिन्न दलों को एक मंच पर लाने में नीतीश कुमार ने बहुत मेहनत भी किया. इसलिए बिहार में विवाद रहित सीट शेयरिंग उनके लिए नाक का सवाल है. खबर है कि आरजेडी और जेडीयू लोकसभा की 16-16 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहते हैं.

फिलहाल बिहार में जदयू और राजद के बीच के गठजोड़ पर लोगों का ध्यान है. कारण कि बीते कुछ दिनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव के बीच मुलाकातों का सिलसिला बढ़ा है. इसके सियासी गलियारों में कई मायने निकाले जा रहे हैं. बिहार की राजनीति के जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की मुलाकातों के सिलसिले तेज होने से राजनीतिक गलियारे में सरगर्मी बढ़ गई है. दावा है कि दोनों शीर्ष नेताओं के बीच लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत हो रही है. इससे पहले वाम दलों के नेताओं ने की भी नीतीश और लालू से मुलाकात हो चुकी है.

बिहार की सियासत नई करवटें बदलती नजर आ रही है. एक तरफ तो जदयू और राजद में अंदरूनी कलह सामने आ रही हैं. वहीं, इन दलों के शीर्ष नेताओं की मुलाकातें भी भविष्य के संकेत दे रही हैं. I.N.D.I.A गठबंधन  बनने के बाद बिहार के साथ देश की राजनीति में भी हलचल पैदा हुई है. इसके बाद से ही राजनीति के बनते-बिगड़ते समीकरणों को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. 

एक नजर डालते हैं पिछले दिनों कब-कब मिले लालू-नीतीश...

बीते गुरुवार को लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर जाकर भेंट की. 28 सितम्बर को लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री आवास एक अणे मार्ग जाकर सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं के बीच करीब 30 मिनट तक बातचीत हुई थी. यह मुलाकात ऐसे समय में हुई थी, जब नीतीश कुमार के बारे में काफी चर्चा है कि वह एकबार फिर से पाला बदल सकते हैं. चर्चा थी कि नीतीश कुमार बीजेपी के पाले में जा सकते हैं.


इसी सोमवार को लालू प्रसाद यादव से मिलने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके आवास पर गए थे. पिछले दिनों लालू प्रसाद जब राजगीर के लिए निकले थे तब नीतीश कुमार उनसे मिलने राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे थे. संयोग से दोनों की मुलाकात नहीं हो पाई थी. इसके अगले ही दिन कैबिनेट की सोमवार को हुई बैठक के बाद नीतीश कुमार फिर से लालू प्रसाद यादव से मिलने राबड़ी देवी के आवास पर पहुंच गए थे.

क्या रहा इन मुलाकातों का नतीजा?

नीतीश कुमार पिछले रविवार को लालू से मिलने गए थे तब केवल राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से अति संक्षिप्त मुलाकात करके लौट आए थे. इसके बाद सोमवार को कैबिनेट बैठक के बाद नीतीश कुमार जब लालू से मिलने गए तो दोनों के बीच सियासी मसलों पर चर्चा हुई. इसके बाद बीते गुरुवार को मुलाकात हुई, परंतु लालू प्रसाद यादव ने इसका कोई विवरण नहीं दिया. उन्होंने बस इतना ही कहा कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं. इसलिए मिलना-जुलना तो लगा ही रहता है.

बता दें कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की मुलाकात उस समय होती है, जब वाम दल के दिग्गज बिहार की यात्रा पर होते हैं. पिछले दिनों जब माकपा नेता सीताराम येचुरी आए तो नीतीश कुमार से मिलने के बाद उन्होंने लालू प्रसाद से भेंट की.भाकपा नेता डी. राजा ने बुधवार को लालू यादव से भेंट की थी. अब देखना ये है कि इन मुलाकातों का सीट शेयरिंग की रणनीति पर क्या असर पड़ता है.

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