बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है. पिछले दिनों लैंड फॉर जॉब स्कैम में समन जारी किया गया था. वहीं, अब अहमदाबाद की एक मेट्रोपॉलिटन अदालत ने आपराधिक मानहानि मामले में तेजस्वी यादव को दूसरी बार समन जारी किया. बता दें कि, अदालत ने दूसरा समन तब जारी किया, जब उसे पता चला कि जारी किया गया पिछला समन कन्फ्यूजन के चलते तेजस्वी यादव तक नहीं पहुंच सका. अब अदालत के नए समन के मुताबिक, तेजस्वी को 13 अक्टूबर को कोर्ट के सामने पेश होना होगा.
दरअसल, अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डी.जे. परमार की अदालत ने तेजस्वी के एक बयान को लेकर 28 अगस्त को उन्हें (पहला) समन जारी किया था. अदालत ने राजद के नेता को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत दर्ज मामले में 22 सितंबर को उसके समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया था. लेकिन, जब अदालत ने इस मामले की सुनवाई शुरू की, तब यह पता चला कि समन अब तक अदालत में ही पड़ा हुआ है और यह तेजस्वी के पास ही नहीं पहुंचाया गया.
बताया जा रहा कि, शिकायतकर्ता हरेश मेहता (69) इस भ्रम में रह गए कि अदालत पुलिस या अपने तंत्र के माध्यम से समन राजद नेता को पहुंचाएगी, जबकि अदालत को ऐसा लगा कि मेहता के वकील ने इसे (अदालत से) प्राप्त कर तेजस्वी को पहुंचा दिया. इस भ्रम को दूर करने के लिए, परमार ने कहा कि, समन तामील कराना मेहता का काम था क्योंकि वह शिकायतकर्ता हैं. इसके बाद परमार ने दूसरा समन जारी किया और मेहता से इसे तेजस्वी को भिजवाने के लिए आवश्यक प्रबंध करने को कहा.
बता दें कि, इससे पहले दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को लेकर सुनवाई हुई. जिसके बाद राजद सुप्रीमो लालू यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत 17 आरोपियों के खिलाफ समन जारी कर दिया. वहीं, गुरुवार को ही इस मामले में सुनवाई होनी थी लेकिन किसी कारणवश सुनवाई को टाल दी गई. गुरुवार को CBI ने कोर्ट को बताया कि तीन रेल अधिकारियों के खिलाफ केस चलाने की इजाजत गृह मंत्रालय से मिल गई है. जिनमें रेल अधिकारी मनदीप कपूर, मनोज पांडे, डॉ. पीएल बंकर के खिलाफ केस चलाने की इजाजत मिली है. बता दें कि, लालू यादव पर केस चलाने को लेकर गृह मंत्रालय की ओर से पहले ही परमिशन दे दिया गया था.