PATNA :- बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के के पाठक समेत और अधिकारियों के वेतन पर रोक लगेगी. उनके वेतन पर रोक लगाने का आदेश पटना हाईकोर्ट ने दिया है.
दरअसल पटना हाईकोर्ट ने राज्य के विश्वविद्यालयों के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के स्वीकृत बजट का पैसा दस दिनों के भीतर जारी करने का आदेश दिया है। इस आदेश का पालन नहीं करने पर शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के वेतन पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने तीन विश्वविद्यालयों के खाता संचालन पर पाबंदी के शिक्षा विभाग के आदेश पर भी रोक लगा दी है।
वही हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई पर राजभवन और शिक्षा विभाग के अधिवक्ता एक दूसरे की काट करते नजर आए. राजभवन की ओर से डॉ केएन सिंह और अधिवक्ता राजीव रंजन कुमार पांडेय ने कहा कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव कोर्ट के आदेश का मान-सम्मान नहीं करते। गत दिनों कोर्ट ने वीसी के साथ होने वाली बैठक में अपर मुख्य सचिव को भाग लेने का आदेश दिया था, लेकिन वह बैठक में नहीं आए। यही नहीं विश्वविद्यालयों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने का आदेश भी दिया गया था। बावजूद इसके विभाग ने पत्र जारी कर तीन विवि के बैंक खाता संचालन पर रोक लगा दी और पदच्युत करने की कार्रवाई करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा गया है।
इसके जवाब में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि विभाग की बैठक में जब तक वीसी भाग नहीं लेंगे, तब तक शिक्षा विभाग एक पैसा नहीं देगा। उनका कहना था कि सिर्फ तनख्वाह लेने के लिए विश्वविद्यालय को नहीं खोला गया है। अगले वित्तीय वर्ष के प्रस्तावित बजट समीक्षा बैठक में कुलपति को भाग लेने को कहा गया था,लेकिन बैठक में किसी ने भाग नहीं लिया। पर कोर्ट ने दोनों की दलील सुनने के बाद शिक्षा विभाग को 10 दिनों के अंदर राशि निर्गत करने का आदेश दिया है और ऐसा नहीं करने पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों का वेतन रोकने का भी आदेश दिया है.