DESK- लैंड फॉर जॉब मामले में लालू प्रसाद एवं उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ाने वाली है. लोकसभा चुनाव के सातवें चरण से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी सभा में कहा था कि चुनाव प्रचार खत्म होते ही हेलीकॉप्टर से घूमने वाले नेताओं को जेल की सलाखों के पीछे जाना होगा, और उसके कुछ ही दिन बाद 3 जुलाई को सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब मामले में तीसरी बार पूरक चार्जशीट दाखिल कर दी. पहली बार लालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव का भी इसमें नाम है.
बताते चले कि लालू प्रसाद एवं उनके परिवार के कई सदस्यों के खिलाफ कई मामले चल रहे हैं लेकिन अब तक तेज प्रताप का नाम किसी भी मामले में नहीं आया था. लेकिन अब सीबीआई ने तेज प्रताप का नाम भी लैंड पर जब मामले में चार सीट में लाया है.
मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश (mp mla कोर्ट ) के समक्ष 78 आरोपियों के खिलाफ अपना तीसरा और अंतिम आरोप पत्र दाखिल किया।इसमें लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजप्रताप यादव, बेटी हेमा यादव, पूर्व ओएसडी भोला यादव और राजद प्रमुख के एक पूर्व कर्मचारी सदस्य शामिल हैं।सीबीआई ने अपनी आखिरी चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र के साथ-साथ धोखाधड़ी और जालसाजी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराएं तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधान भी लगाए हैं। उन्होंने बताया कि आरोपियों में 29 रेलवे अधिकारी, 37 अभ्यर्थी और छह अन्य निजी व्यक्ति शामिल हैं। सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि जांच के दौरान, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने पाया कि लालू प्रसाद ने रेलवे के अधिकारियों, अपने परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश को आगे बढ़ाते हुए, मौजूदा दिशानिर्देशों का पूर्ण उल्लंघन करते हुए भारतीय रेलवे के 11 जोनों में ‘ग्रुप डी’ के पदों पर नियुक्ति की।
विशेष अदालत छह जुलाई को इस रिपोर्ट पर विचार करेगी।