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कहर बरपा रही नूना नदी, रतजगा करने पर मजबूर हुए ग्रामीण

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अररिया में बहने वाली नूना नदी बरसात के दिनों में कहर बनकर आती है. खासकर सिकटी प्रखंड में भारी तबाही लाती है. दरअसल, नेपाल की पहाड़ी नदियों में से एक नूना नदी मानसून के शुरुआत में ही पूरे उफान पर है. नूना बांसबाड़ी के पास तेजी से धारा बदलने के लिए कटाव कर रही है. जबकि जल निस्सरण विभाग के द्वारा घोड़ा चौक से बांसबाड़ी तक 47 लाख रुपये की लागत से दोनों ओर तटबंध का निर्माण किया गया था. 

नेपाल में तीन दिनों से हो रही बारिश के बाद अचानक नदी के जलस्तर में काफी इजाफा हो गया है और बांसबाड़ी के पास नदी तेजी से कटाव कर रही है. कटाव को लेकर एसडीएम के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम ने जायजा लेने के बाद विभाग के अभियंताओं को कड़े निर्देश दिए हैं. तटबंध निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर शुरू से ही यह तटबंध विवादों के घेरे में रहा है फलस्वरूप जिस तरीके से कटाव हो रहा है. इससे ग्रामीण भयभीत और रतजगा करने को मजबूर हैं. 

नूना नदी जल के साथ भारी मात्रा में सिल्ट लेकर आती है. फलस्वरूप नदी के बेड शीट में काफी सिल्ट जमा हो जाने से जलस्तर उफान मारने लगती है. अररिया एमपी प्रदीप कुमार सिंह तटबंध निर्माण और काम की गुणवत्ता को लेकर जहां शुरू से सवाल उठाते रहे हैं. वहीं, उन्होंने अररिया जिला प्रशासन के साथ बिहार सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. साथ ही मामले पर नजर बनाए रखने की बात करते हुए जल निस्सरण विभाग के अभियंताओं को कटाव रोकने के आवश्यक दिशा-निर्देश देने की बात कही.

बता दें कि, घोड़ाचौक से धर्मगंज, बीड़ी चौक होते हुए मदनपुर और फिर जिला मुख्यालय तक ग्रामीण सड़क है. घोड़ा चौक के समीप नदी क्रॉस कर गई है. एक वर्ष पहले नदी इस ओर होकर बहने लगी, जबकि पहले दहगामा होकर बहती थी. ऐसे में जिस तरह से नदी अपनी धारा बदल रही है और कटाव कर रही है, जरूरत है समय रहते समुचित प्रावधान की. 

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