Gaya - मोक्ष नगरी गया के विष्णुपद मंदिर और फल्गु नदी के देवघाट पर पितृ दीपावली मनाई गई. पितृपक्ष के 14 वें दिन त्रयोदशी के दिन पितृ दीपावली मनाए जाने की परंपरा है. पितरों के लिए घी का दीया जलाकर खुशी मनाई जाती है।
ऐसी मान्यता है कि आज के दिन दीपदान और पितृ दीपावली मनाने से पितरों के स्वर्ग जाने का मार्ग प्रकाशमय हो जाता है. इस दौरान देश विदेश के कोने कोने से आए तीर्थयात्रीयो के द्वारा आकर्षक रंगोली और आकर्षक रूप से घी का दीया जलाया गया , जिससे पूरा देवघाट रौशनी से जगमग हो गया. पितृ दीपावली को लेकर तीर्थयात्रियों में काफी खुशी दिखी. तीर्थयात्रियों के जरिए स्वास्तिक और ओम लिखकर घी का दीया जलाया. लोग पितरों को मोक्ष मिलने के बाद अपनी खुशी का इजहार करते हैं.
पितृपक्ष मेला की अवधि में देश-विदेश के कोने कोने से लाखों की संख्या में हिंदू सनातन धर्मावलंबी यहां आकर अपने पितरों को मोक्ष और उद्धार की कामना करते हैं. साथ ही पिंडदान,तर्पण, कर्मकांड और श्राद्ध कार्य को पूरा करते हैं.
गया से मनीष की रिपोर्ट