PATNA:- एक तरफ भतीजे चिराग पासवान को इस लोकसभा चुनाव में बड़ी सफलता मिली है वहीं दूसरी ओर चाचा पशुपति कुमार पारस को झटका पर झटका लग रहा है. लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने उनसे किनारा कर लिया और चुनाव में एक भी सीट उनके पार्टी को नहीं दी, वही उनके भतीजे चिराग पासवान को लोजपा कोटे की सभी पांच सीटें दे दी और चिराग पासवान सभी 5 सीट जीत कर नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बन गए हैं.
वही चाचा पशुपति कुमार पारस अब ना तो मंत्री रहे ना ही सांसद अब दिल्ली स्थित उनके आवास भी उन्हें कुछ दिन में छोड़ना होगा इससे पहले पटना स्थित पार्टी कार्यालय को भी उन्हें खाली करना होगा क्योंकि भवन निर्माण विभाग ने उन्हें खाली करने की नोटिस दे दी है. इसकी वजह 2019 के बाद टैक्स का भुगतान नहीं करना बताया जा रहा है.
बताते चले कि जब स्वर्गीय रामविलास पासवान ने लोजपा का गठन किया था तो उनकी पार्टी को हवाई अड्डा रोड में कार्यालय के लिए जगह आवंटित किया गया था. जब चाचा पशुपति कुमार पारस और भतीजे चिराग पासवान के बीच विभेद हुआ और दोनों अलग-अलग हो गए तो चाचा पशुपति कुमार पारस ने यहां अपना पार्टी का कार्यालय बना लिया और चिराग पासवान को यहां से बेदखल कर दिया.लेकिन इस बीच 2019 से ही कार्यालय का टैक्स भुगतान नहीं किया जा रहा था और इस वजह में बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग ने बड़ा कदम उठाते हुए पशुपति कुमार पारस की पार्टी को यह जगह खाली करने को कहा है और यह संभव है कि पारस के द्वारा यह जगह खाली करने के बाद लोजपा रामविलास पासवान यानी चिराग पासवान की पार्टी के लिए आवंटित किया जा सकता है. यानी यहां भी भतीजा चिराग चाचा पशुपति पर भारी पड़ेंगे.