पाकिस्तान में 24 भिखारियों को मुल्तान एयरपोर्ट पर सऊदी अरब जाने वाली उड़ान से उतारा गया जो उमरा करने के बहाने खाड़ी देश जाने की कोशिश कर रहे थे ताकि वहां भीख मांग सकें. मीडिया में रविवार (1 अक्टूबर) को प्रकाशित खबरों में यह जानकारी दी गई.
डॉन अखबार की खबर के मुताबिक संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने शनिवार (30 अगस्त) रात को मुल्तान एयरपोर्ट पर सऊदी अरब जाने वाली उड़ान से आठ कथित भिखारियों को उतारा जो उमरा के बहाने अरब देश जा रहे थे. पंजाब सूबे के मुल्तान एयरपोर्ट पर गत कुछ दिनों में यह दूसरी घटना थी.
2 दिन पहले पकड़े गए भिखारी
डॉन अखबार के मुताबिक दो दिन पहले भी FIA ने मुल्तान एयरपोर्ट पर सऊदी अरब जाने वाली उड़ान से 11 महिलाओं, चार पुरुषों और एक बच्चे सहित कुल 16 लोगों को उतारा था. वे उमरा वीजा पर जा रहे थे. उमरा मक्का की धार्मिक यात्रा होती है, जो साल में कभी भी की जा सकती है.
FIA इमीग्रेशन ऑफिसर तारिक महमूद ने दूसरी घटना के बाद जारी बयान में कहा कि इमीग्रेशन जांच के दौरान पता चला कि उक्त समूह सऊदी अरब भीख मांगने के इरादे से जा रहा है. बयान के मुताबिक, ‘‘उन्होंने (भीख मांगने के मामले में पकड़े गए लोग) बताया कि भीख में मिली आधी राशि उन्हें एजेंट को सौंपनी थी.’’
भीख मांगने के लिए सऊदी अरब
FIA ने कहा कि पकड़े गए लोगों के पासपोर्ट जब्त कर लिए गए हैं और उन्हें कानूनी कार्रवाई के लिए मुल्तान में एजेंसी की मानव तस्करी रोधी इकाई के पास भेजा गया है. संघीय एजेंसी ने बताया, ‘‘ दोषियों के खिलाफ मानव तस्करी अधिनियम 2018 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जा रही है.’’
अखबार के मुताबिक पकड़े गए पहले समूह ने FIA अधिकारियों को पूछताछ के दौरान बताया कि वे भीख मांगने के लिए सऊदी अरब जा रहे थे और उमरा वीजा की मियाद पूरी होने के बाद उन्हें पाकिस्तान लौटना था. ये गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है जब विदेश में रह रहे पाकिस्तानियों और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने संसद के उच्च सदन में खुलासा किया है कि अधिकतर भिखारी गैर कानूनी तरीके से विदेश जाते हैं.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की रिपोर्ट
पाकिस्तान के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव ने सीनेट समिति के समक्ष खुलासा किया कि विदेश में पकड़े जाने वाले 90 फीसदी भिखारी देश के हैं. मंत्रालय के सचिव जीशान खानजादा ने सीनेट की स्थायी समिति को पिछले महीने बताया, ‘‘ पाकिस्तानी भिखारी जियारत के नाम पर पश्चिम एशियाई देशों में जाते हैं. अधिकतर लोग सऊदी अरब उमरा वीजा पर जाते हैं और भीख मांगने की गतिविधियों में संलिप्त हो जाते हैं.’’
उन्होंने बताया कि इराक और सऊदी अरब के राजदूतों ने इन भिखारियों की गिरफ्तारी की वजह से उनकी जेलें भरी होने की जानकारी दी है.’’ द इंटरनेशनल न्यूज अखबार ने खानजादा के हवाले से खबर दी कि मक्का की मस्जिद-अल हरम में गिरफ्तार जेबकतरों में अधिकतर पाकिस्तानी हैं.