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पप्पू यादव ने PM Modi की गिनवाई 9 साल की उपलब्धियां, खूब निकाला भड़ास

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जाप सुप्रीमो पप्पू यादव इन दिनों लगातार बिहार की सियासत में सक्रीय बने हुए हैं. इस बीच उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे निशाने पर ले लिया है. दरअसल, एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पप्पू यादव ने पीएम मोदी की 9 साल की उपलब्धियां गिनवाई और जमकर भड़ास निकाल दिया है. पप्पू यादव ने कहा कि, हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री कभी भी चीन या अमेरिका के खिलाफ नहीं बोलते हैं. वे सिर्फ पाकिस्तान को गाली देते हैं. पीएम मोदी कभी विकास की बात नहीं करते हैं. साथ ही सरकार महंगाई का मुद्दा, जंतर-मंतर पर बैठी पहलवानों को और भारत की इकोनॉमी को भी भूल गई. 

9 साल की गिनाई उपलब्धियां 

पप्पू यादव ने तंज कसते हुए कहा कि, 2014 में भारतीय जनता पार्टी को बाबा रामदेव मिल गये थे. 2019 में इनको नये बाबा मिले और अब 2023 में फिर उनको एक नये बाबा मिल गए हैं. मोदी सरकार को भारतीय अर्थव्यवस्था से कोई लेना देना नहीं है.  9 साल में इनकी उपलाब्धियां बेरोजगारी, नफरत, दूसरों को गोली देना, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को गाली देना रहा. जाप सुप्रीमो ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, राम मंदिर हमारे इमोशन से जुड़ा है रोजगार से नहीं. हम हिन्दुस्तान में वाल्मीकि और सीता का मंदिर बनायेंगे. बीजेपी ED, CBI और केंद्रीय एजेंसी के बल पर 2024 में फिर सत्ता में आना चाहती है. इनको संविधान पर भरोसा नहीं है. ये समाज को जोड़ने के बजाय तोड़ने की बात करते हैं.  

नए संसद भवन पर की यह मांग 

वहीं नये संसद भवन के उद्घाटन पर हो रहे विवाद पर पप्पू यादव ने कहा कि, नये संसद भवन के उद्घाटन से किसी को आपत्ति नहीं है. लेकिन, हमारे देश के संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति का पद सर्वोच्च होता है. इसलिए हमारा आग्रह है कि सर्वोच्च न्यायालय को इसमें इंटरफेयर करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट को कोई निर्णय लेना चाहिए और नये संसद उद्घाटन को रोकना चाहिए. हालांकि, बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नए संसद भवन को लेकर जो याचिका दायर की गई थी, उसे खारिज कर दिया है. इसके साथ ही कहा कि, यह कोर्ट का विषय ही नहीं है. 

NDA काल में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा 

जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने इस दौरान RTI के रिपोर्ट का हवाला देते हुए बिहार सरकार के वन विभाग में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया. उन्होंने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने बताया कि, 12/12/2019 में 21 करोड़ 70 लाख 43 हजार 714 रुपये का टेंडर जारी हुआ, जिसमें क्षमता पानी टैंक का निर्माण करना था. जिसमें गया वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिषेक कुमार, गया वन सरंक्षक चंद्रेशखर और गया के रिजनल चीफ इंटरगेटिव ऑफिसर (फोरेस्ट)  पीके गुप्ता की मिलीभगत से घोटाला हुआ है. वहीं, जांच में रिपोर्ट प्रतिवेदन आ गया है. जांच रिपोर्ट में 10 करोड़ रुपये का गबन का मामला सामने आया था. पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि एनडीए की सरकार में इस मामलों को एक करोड़ लेकर रफा-दफा कर दिया गया था. यह भी कहा कि, इतने बड़े घोटाले के बावजूद तीनों अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गयी बल्कि सभी अधिकारियों को पदोन्नति पर कर दिया गया. इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की जानकारी दूंगा और उसकी कॉपी को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को भी भेजूंगा. इतने बड़े घोटाले के बावजूद ये तीनों अधिकारी बड़े पदों पर कैसे तैनात हैं, इन सभी आर्थिक अपराध के तहत मामला दर्ज कर बड़ी कार्रवाई की जाये. 

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