Muzaffarpur -पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आज मुजफ्फरपुर जिले के पारु थाना अंतर्गत लाल छपरा पंचायत स्थित गोपालपुर गांव में उस परिवार से मुलाक़ात की जिनकी बेटी की नृशंस हत्या विगत दिनों अपराधियों ने दुष्कर्म के बाद कर दी थी। इस घटना में मृतक के शरीर के अंगों को काटने की बात सामने आई थी।
पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर आज अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि वह इस पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। साथ ही पप्पू यादव ने पीड़ित परिवार को 500000 लाख की आर्थिक मदद की घोषणा की और 50000 की आर्थिक मदद तत्काल उन्हें दी.
मौके पर सांसद पप्पू यादव ने कहा, "कोलकाता में डॉक्टर की हत्या पर देश हाय-तौबा कर रहा है, लेकिन बिहार की इस बेटी के लिए कोई क्यों नहीं बोल रहा है?" उन्होंने प्रशासन पर कड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि जब कोलकाता की घटना में 12 घंटे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ सकती है, तो मुजफ्फरपुर की इस बेटी का पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब तक क्यों नहीं आया? यह प्रशासन के लचर रवैये को दर्शाता है।
ग्रामीणों से घटना के बारे में विस्तृत जानकारी लेते हुए पप्पू यादव ने कहा कि किसी बेटी के अंगों को काट कर उसकी हत्या कर देना बलात्कार से कम खतरनाक अपराध है क्या ? मुजफ्फरपुर पुलिस प्रशासन को इस सवाल का जवाब देना चाहिए।
सांसद यादव ने बताया कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2022 के आंकड़ों के अनुसार, देश में दर्ज बलात्कार के मामलों में 90% मामले दलितों के हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि देश में हर दिन 86 दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे हैं, और दलित महिलाओं के खिलाफ अपराधों में तेजी से वृद्धि हो रही है।वहीं, उन्होंने पीड़ित परिवार की मदद के सवाल पर कहा, "यह राशि बेटी के जीवन के सामने कुछ भी नहीं है, लेकिन इस कठिन समय में यह परिवार के लिए एक छोटी सी मदद है।" उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मामले में आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। सांसद यादव ने मामले में स्पीडी ट्रायल की मांग की और अपराधी को फांसी की सजा देने की भी अपील की।
यह घटना बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है, और पप्पू यादव ने इस पर जोर देकर कहा कि इस तरह के अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
मुजफ्फरपुर से मुकेश ठाकुर की रिपोर्ट