नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव के शोर के बीच संसद के शीतकालीन सत्र की घोषणा हो गई है। इस संबंध में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने सोशल मीडिया पोस्ट कर जानकारी दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के शीतकालीन सत्र के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। संसद का सत्र एक दिसम्बर से 19 दिसम्बर तक चलेगा। उन्होंने शीतकालीन सत्र के रचनात्मक और सार्थक होने की आशा व्यक्ति की है और लिखा है कि हमारे लोकतंत्र को मजबूत करेगा अरु लोगों के आकाँक्षाओं को पूरा करेगा।
हंगामेदार हो सकता है शीतकालीन सत्र
संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार होने की आशंका जाहिर की जा रही है। एक तरफ विपक्ष 12 राज्यों में चल रहे SIR और वोट चोरी को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा तो दूसरी तरफ केंद्र की सरकार कई बिल पास करवाने की कोशिश करेगी। संसद के शीतकालीन सत्र में बिहार चुनाव की झलक भी दिख सकती है। बताया जा रहा है कि शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार संविधान में 129वां और 130वां संशोधन बिल, जन विश्वास बिल, इन्सोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बिल पास करवाने की कोशिश करेगी।
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छोटा होगा सत्र
इस बार संसद का शीतकालीन सत्र काफी छोटा होने जा रहा है। शीतकालीन सत्र 1 दिसम्बर से 19 दिसम्बर तक चलेगा। इससे पहले वर्ष 2013 में मात्र 14 दिनों का शीतकालीन सत्र चला था और इस दौरान 11 बैठकें हुई थी। बता दें कि संसद का मॉनसून सत्र काफी हंगामेदार रहा था। 20 दिनों तक इंडिया ब्लॉक से जुड़े विपक्षी दलों ने SIR के मुद्दे पर काफी हंगामा किया था। इस बार भी विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेर सकता है।
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