राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी(RLJP) के मुखिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री Pashupati Kumar Paras का साथ धीरे-धीरे सब छोड़ रहे हैं. पहले तो BJP की अगुवाई वाली NDA ने उन्हें झटका दिया, सीट बंटवारे में उन्हें एक भी लोकसभा सीट नहीं दी और उनके भतीजे Chirag Paswan की पार्टी LJP(R) को 5 सीट दे दी. BJP ने चाचा पारस को किनारे लगाकर भतीजे चिराग पासवान को तरजीह दी. इसके बाद मंगलवार को पशुपति पारस ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. पारस ने कहा कि BJP ने उनके साथ अन्याय किया है. इन सबके बीच अब पारस के सांसद भी उनका साथ छोड़ रहे हैं.
क्या पारस हो जाएंगे अकेले ?
वैशाली से सांसद वीणा देवी और खगड़िया सांसद महबूब अली कैसर भी पशुपति पारस से अलग होकर चिराग पासवान के साथ हो लिए हैं. पारस की मंगलवार को हुई प्रेस कॉनफ्रेंस में उनके साथ चन्दन सिंह और प्रिंस पासवान भी नहीं दिखे. यहां तक कि सूरजभान सिंह भी मौजूद नहीं थे. ऐसे में अब कयासों और अटकलों का दौर तेज हो गया है.
सूरजभान BJP के संपर्क में
बाहुबली सूरजभान सिंह के भाई चंदन सिंह नवादा से सांसद हैं. इस बार NDA में सीटों के बंटवारे में नवादा सीट BJP के खाते में है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नवादा को लेकर कहा जा रहा है कि सूरजभान सिंह BJP के संपर्क में हैं और BJP को भी नवादा के लिए कोई दमदार प्रत्याशी चाहिए. सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी ने साल 2009 में नवादा से चुनाव लड़ा था, वहीं 2019 में चन्दन सिंह ने जीत हासिल की थी. ऐसे में सूरजभान सिंह का पारस के साथ मंच पर नहीं होना उसी का संकेत माना जा रहा है. साथ ही घोषणा के बाद भी चन्दन सिंह का प्रेस कॉनफ्रेंस में नहीं आना भी उन संकेतों को मजबूत करता है.
प्रिंस भी चिराग संग
NDA की सीट शेयरिंग में समस्तीपुर सीट इस बार चिराग पासवान के खाते में है. अभी प्रिंस पासवान यहां से सांसद हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो प्रिंस और चिराग के बीच समझौता होने को लेकर वार्ता जारी है. ऐसे में अगर प्रिंस चिराग संग आ जाते हैं तो पशुपति को दोहरा झटका लगेगा. अंतिम मौके पर प्रिंस का प्रेस कॉनफ्रेंस में नहीं आना उनके चिराग से नजदीकियों की ओर इशारा करने लगा है. हालांकि अभी तक इस पूरे मुद्दे पर ना तो प्रिंस और ना ही चिराग कुछ बोल रहे हैं. वहीं सूरजभान सिंह का खेमा भी चुप्पी साधे है.