बिहार के सभी जिलों से आए पासवान समाज के लोगों ने दलित नेता अमर आज़ाद पासवान के नेतृत्व में 'पासवान अधिकार आंदोलन' के तहत विधानसभा मार्च किया, जिसमें हज़ारों दलित शामिल हुए। इस दौरान पुलिस द्वारा विधानसभा की ओर बढने से रोकने के क्रम में लाठी चार्ज कर दिया, जिसमें दलित नेता अमर आजाद के सर पर गहरी चोट आई और सर फट गया। उनके साथ अन्य लोगों को भी गंभीर चोटें आई। इसके विरोध में दलित नेताओं ने अपनी गिरफ्तारी भी दी।दलित युवा नेता अमर आज़ाद ने कहा कि बिहार सरकार ने आज तक पासवान समाज को कुछ नहीं दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दलित समाज को तोड़ने का काम किया है और पासवान समाज के साथ अन्याय किया है। अमर आज़ाद ने कहा, "बिहार में लगातार पासवान समाज के साथ-साथ दलितों की हत्या हो रही है और उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। पासवान समाज की पुस्तैनी नौकरी चौकीदार की थी, जिसे अंग्रेजों के ज़माने से निभाया जा रहा था, लेकिन नीतीश कुमार ने इसे भी खत्म कर दिया।उन्होंने आगे कहा, "जज का बेटा कॉलेजियम सिस्टम से जज बनेगा, मगर पासवान का बेटा दलित होने के कारण उससे चौकीदारी भी छीन ली गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार असंवैधानिक कार्य कर रहे हैं। तांती तत्वा पिछले 9 साल से ओबीसी होकर एससी का आरक्षण सीट ले रहा था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया। यह बिहार सरकार का संविधान के विरुद्ध एवं दलितों के खिलाफ कार्य है।"