बिहार में रविवार को एक घंटे के दौरान सियासी उठापटक के चार-चार संकेत मिले हैं. इन संकेतों के चलते सियासी हलकों में चर्चा तेज हो गई है. दरअसल, सबसे पहले तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक बुला ली है. इसके बाद लालू यादव से मुलाकात के लिए सीएम राबड़ी देवी के आवास गए. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब आधा घंटे तक बातचीत हुई. यहां से नीतीश कुमार अचानक से जदयू कार्यालय पहुंच गए. इधर, इस दौरान जदूय छोड़कर नई पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा का बयान आया, जिसमें सीएम को लेकर उनके सुर बदले हुए नजर आए.
बिहार की सियासत जो चार संकेत मिले हैं, यह काफी अहम हैं. बता दें कि रविवार सुबह ही जदूय नेता और बिहार विधानसभा के डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी ने दावा किया था कि आईएनडीआईए गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार होंगे. ऐसे में कैबिनेट बैठक का बुलाया जाना और लालू यादव से उनकी मुलाकात को इसी जोड़कर देखा जा रहा है.
नीतीश कुमार ने बुलाई कैबिनेट की बैठक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार दोपहर 3.30 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई है. बताया जा रहा है कि इसमें प्रदेश से जुड़े कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं. इनमें से एक फैसला शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने का हो सकता है. वहीं, कैबिनेट के विस्तार का मसला भी लटका हुआ है. कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायकों को इसमें शामिल करने की मांग की हुई है. ऐसे में इस पर भी फैसला हो सकता है.
बिहार सरकार के सचिवालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि सोमवार 25 सितंबर को मंत्रिपरिषद की बैठक पटना में मुख्य सचिवालय स्थित मंत्रिमंडल कक्ष में होगी. संयुक्त सचिव निशीथ वर्मा के हस्ताक्षर से जारी किए गए इस पत्र की प्रति सभी संबंधित अधिकरियों को भेजी गई है.
राबड़ी आवास पर लालू यादव से मुलाकात
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को होने वाली कैबिनेट बैठक से पहले रविवार को राजद सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात की. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर हुई दोनों नेताओं की मुलाकात करीब आधा घंटे तक चली. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई, इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है. परंतु, सीएम का ऐसे अचानक लालू यादव से मिलने सियासी हलकों में चर्चा का विषय है. खास बात यह भी है कि नीतीश ने लालू से मिलने आते और जाते वक्त मीडिया से भी कोई बात नहीं की.