देश के कई राज्यों में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. कई जगहों पर अस्पतालों में भारी भीड़ उमड़ रही है. राज्य सरकारें डेंगू की रोकथाम के लिए तमाम कदम उठा रही हैं. उत्तराखंड, यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. राज्य सरकारों ने इसे लेकर गाइडलाइंस भी तैयार की है. उत्तराखंड में अभी तक डेंगू के 1,130 मामले सामने आए, देहरादून में मरने वालों की संख्या 13 हो गई है.
राजधानी दिल्ली सहित एनसीआर में भी डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. बारिश होने के बाद डेंगू के साथ-साथ मलेरिया और टाइफायइड के मरीजों की संख्या बढ़ने की भी आशंका है. गुरुग्राम, फरीदाबाद और गाजियाबाद में भी डेंगू के मामले सामने आने लगे हैं.
देहरादून में सर्वाधिक कहर
उत्तराखंड में डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच रविवार शाम तक 1130 मामले सामने आए हैं. राजधानी देहरादून में डेंगू ने कहर बरपाया है और राज्यभर में सामने आए डेंगू के मामलों में से आधे से ज्यादा यानी 655 मामले देहरादून जिले में मिले हैं और सबसे अधिक 13 लोगों की मौत भी देहरादून में ही हुई है. मौतों की पहचान के लिए अलग-अलग प्रोटोकॉल होने के कारण अन्य जिलों में हुई मौतों को शामिल नहीं किया गया है.
प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने अधिकारियों को इस संबंध में विभिन्न क्षेत्रों में फॉगिंग करने के निर्देश देने के साथ ही अस्पतालों में मरीजों के लिए पर्याप्त बिस्तरों और दवाई की व्यवस्था करने को कहा गया है. राज्य सरकार द्वारा निजी लैबों द्वारा की जा रही डेंगू जांच की भी मॉनिटरिंग की जा रही है. प्रधेश सरकार ने निजी अस्पतालों को सख्ती से दिशा-निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया है, जो भी इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कानूनी एक्शन लेने की बात कही गई है. समस्त जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी को अस्पतालों में व्यस्थाओं के दुरुस्त करने के भी दिए निर्देश दिए गए हैं.
उत्तर प्रदेश में सीएम ने की बैठक
उत्तर प्रदेश में लगातार रफ्तार के साथ उत्तर प्रदेश में डेंगू के मरीज धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं. 15 मई से अब तक कुल 2462 मरीज मिले हैं. इनमें से आधे से ज्यादा मरीज पिछले 25 दिनों में मिले हैं. मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. डेंगू के मरीजों के लिए दवा और जांच की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है. सभी जिलों में मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) ने डेंगू जांच और प्लेटलेट्स की दरें तय कर दी हैं.साथ ही सभी जिलों में डेंगू के लिए अलग वार्ड तैयार किये जायेंगे. ऐसे जिले जहां डेंगू के ज्यादा मरीज सामने आएंगे, वहां मरीजों के लिए अलग से वार्ड तैयार किया जाएगा.
इससे पहले यूपी में संचारी रोगों को लेकर मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सेन्सिटिव ज़िलों में हर दिन सुबह सैनीटाईजेशन और शाम को हो फॉगिंग किया जाए।इसके साथ ही हर अस्पताल में नोडल अधिकारी की तैनाती की जाए. ये भी निर्देश दिया गया कि तैयारी ऐसी हो कि कहीं भी हॉटस्पॉट की स्थिति न बनने पाए.अगर कहीं भी ऐसी स्थिति हो तो वहां संबंधित नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी स्वयं पहुंच कर निरीक्षण करें.
पटना में डीएम को हुआ डेंगू
बिहार में भी डेंगू तेजी से फैल रहा है. राज्य में पिछले 24 घंटे में 134 नए डेंगू के मामले सामने आए हैं. पटना और भागलपुर डेंगू से सर्वाधिक प्रभावित है. इसके अलावा बांका, गया और वैशाली से भी डेंगू संक्रमण के मामले सामने आए हैं. स्थानीय प्रशासन बढ़ते मामलों पर नजर बनाए हुए हैं. पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह खुद डेंगू पीड़ित हो गए है. बताया जा रहा है कि डेंगू संक्रमित होने के बाद उनका पटना के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है जहां सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डीजीपी आरएस भट्टी उनका हालचाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे थे.
कोलकाता में भी आ रहे हैं डेंगू के मामले
कोलकाता में भी डेंगू के मामले सामने आए हैं. डेंगू के अलावा शहर भर के अस्पतालों में मलेरिया के मरीजों का आना जारी है, हालांकि यह संख्या डेंगू से काफी कम है. डेंगू और मलेरिया दोनों वेक्टर-जनित हैं और पहले से ही शहर और उसके आसपास कई मौतें हो चुकी हैं. संक्रामक रोगों के एसोसिएट प्रोफेसर योगीराज ने टीओआई को बताया, 'वर्तमान में हमारे क्षेत्र में डेंगू के मामलों की संख्या मलेरिया से लगभग तीन गुना अधिक है, हमने मलेरिया के कुछ गंभीर मामलों का सामना किया है.'
चेन्नई में डेंगू से चार साल के बच्चे की मौत
तमिलनाडु में भी कुछ जगहों पर डेंगू तेजी से फैल रहा है. चेन्नई में डेंगू से संक्रमित मदुरावॉयल के चार साल के बच्चे की शनिवार रात मौत हो गई. विपक्षी दल के नेता पलानीसामी ने राजधानी की मौत के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया और दावा किया कि राज्य में डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई नहीं की गई. ऐसी खबरें हैं कि जिस इलाके में परिवार रहता था, वहां बारिश का पानी जमा है और आसपास की गंदगी के कारण लड़के की मौत हो गई.
डेंगू के लक्षण
डेंगू में तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, दाने और थकान महसूस हो सकती है. कुछ मामलों में यह अधिक गंभीर हो सकता है, जिसे डेंगू रक्तस्रावी बुखार (Dengue hemorrhagic fever) के रूप में जाना जाता है जिसमें जान तक जा सकती है.
बचाव के लिए करें ये काम
यदि आपके घर में या घर के आसपास पानी जमा है तो उसे तुरंत साफ करें. अपने कूलर में रखे पानी को खाली कर लें. डेंगू के प्राथमिक सोर्स एडीज मच्छर रुके हुए पानी में पनपते हैं. साथ ही नाली और पानी निकलने वाले पाइपों की भी सफाई करें. अपने बच्चों के साथ आप भी लंबी बाजू वाली शर्ट, लंबी पैंट, मोजे पहनें. वहीं हल्के रंग के कपड़े भी मच्छरों को रोकने में मदद कर सकते हैं.
यदि आपको डेंगू हो भी गया है तो ये परहेज करते रहें जिससे आपके शरीर का वायरस दूसरों तक न पहुंचे. सबसे पहले नजदीकी डॉक्टर से सहायता लें और खून में प्लेटलेट्स की जांच करवा लें.उपचार का मुख्य तरीका सहायक चिकित्सा देना ही है. रोगी को लगातार पानी देते रहें नहीं तो शरीर में पानी की कमी हो सकती है. नसों के जरिए भी रोगी को तरल दिया जाता है.