मुंबई में इंडिया गठबंधन की बैठक में भाग लेकर पटना लौटे नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और लालू यादव के बयानों पर गौर करें तो 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के मुद्दे पर जदयू और राजद के अलग-अलग विचार साफ दिख रहे हैं. इस बीच सीट शेयरिंग की चर्चा से सियासी हलचल तेज है. हालांकि, नीतीश कुमार बार-बार यह कह रहे हैं कि INDIA अलायंस में सीट शेयरिंग को लेकर कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन, सबसे बड़ा सवाल यह कि बिहार महागठबंधन में घटक दलों के बीच क्या फॉर्मूला हो सकता है?
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बार दावा किया है कि केंद्र की एनडीए सरकार हड़बड़ी में है और वह समय के पहले लोकसभा चुनाव करवा सकती है. नीतीश कुमार बार-बार यह बात दोहराते रहे थे कि गुरुवार को अचानक ही 'एक देश, एक चुनाव' की बात सामने आ गई. मीडियाकर्मियों ने जब उनसे इस मामले में पूछा गया तो इशारों में ही सही नीतीश कुमार समर्थन करते दिख रहे हैं. हालांकि, ये कहना नहीं भूल रहे है कि पहले ये बिल संसद में आने तो दीजिए.
खास बात यह है कि सीएम नीतीश कुमार आशंका भी जाहिर कर रहे हैं और इशारों में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का समर्थन भी करते दिख रहे हैं. दूसरी ओर ध्यान देने की बात यह भी है कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का विरोध करते हुए कह रहे हैं कि इसकी जरूरत ही क्या है. इसके बदले 'वन नेशन, वन इनकम' की बात होनी चाहिए.
जाहिर है समय पूर्व चुनाव और 'वन नेशन, वन इलेक्शन' को लेकर दोनों बड़े नेताओं में थोड़ा अंतर दिख रहा है. एक विरोधी होते हुए भी इशारों में समर्थन करते दिख रहे हैं, वहीं दूसरा खुलकर विरोध कर रहा है. लेकिन, इन सबके बीच यह भी सवाल उठ रहा है कि समय पूर्व अगर चुनाव होते हैं तो बिहार में सीट शेयरिंग का फार्मूला क्या तय हो गया है. अगर हां तो वो फार्मूला क्या हो सकता है?
एक खबर यह भी है जदयू के जीतने सांसद जीते हुए हैं उतनी सीटों पर उन्हें मौका मिल सकता है. वहीं, बिहार में विधान सभा में सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी को भी लगभग बराबरी, यानी 16 सीटें मिल सकती हैं. वहीं, कांग्रेस को पांच या छह सीट, माले को एक या दो सीट और एक अन्य वाम दल को मिल सकता है. लेकिन, नीतीश कुमार के बयान और सीट शेयरिंग को लेकर बिहार की सियासत गर्मा गई है.
बहरहाल, सियासत में समय पूर्व चुनाव और 'वन नेशन, वन इलेक्शन' ने कई समीकरणों को बदल दिया है. इस हलचल में फिलहाल तमाम राजनीतिक दल नए सिरे से रणनीति बनाने में लग गए हैं. बिहार में भी इन मुद्दों पर सियासी हलचल बेहद तेज हो गई है. हालांकि, सियासी गलियारे में ये सवाल बार-बार गूंज रहे हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बार-बार समय पूर्व लोकसभा चुनाव की बात क्यों कर रहे हैं? आखिर उन्हें किस बात की आशंका है?