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नियोजित शिक्षकों को पटना हाईकोर्ट से झटका, सुनाया बड़ा फैसला, 23 मार्च को रिजल्ट

Patna High Court shocked the employed teachers, gave a big d

बिहार के नियोजित शिक्षकों की परेशानी तो मानो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. एक के बाद एक कई तरह की गतिविधियां देखने के लिए मिल रही है. इस बीच पटना हाईकोर्ट ने बड़ा निर्णय ले लिया है. दरअसल, गुरुवार को नियोजित शिक्षकों से जुड़े मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान पटना हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय से 31 मार्च 2015 के बाद राज्य में किसी भी अप्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति या नियोजन को कानूनी रूप से अमान्य करार दे दिया. हाईकोर्ट ने यह भी तय किया कि राज्य में एक अप्रैल 2010 से लेकर 31 मार्च 2015 के बीच नियोजित हुए अप्रशिक्षित शिक्षक यदि 8 अगस्त 2021 तक या उससे पहले उक्त कानून के तहत न्यूनतम प्रशिक्षण की आहर्ता यानि कि डीएलएड कोर्स पूरा कर लिए हैं तो उनके नियोजन को बरकरार रखा जा सकता है अन्यथा समाप्त कर देने का आदेश दिया गया है.  

पटना हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

बता दें कि, मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन, न्यायाधीश आशुतोष कुमार एवं न्यायाधीश राजीव राय की पूर्ण पीठ ने सकीना खातून एवं अन्य की याचिकाओं को निष्पादित करते हुए यह फैसला सुनाया. वहीं, इस पूरे मामले का जिक्र किया जाए तो, गौरतलब है कि 31 मार्च, 2015 को बिहार में शिक्षा के अधिकार कानून लागू हुआ था. इस कानून के तहत कोई भी अप्रशिक्षित शिक्षक सेवा में नहीं रह सकता है. साथ ही हाईकोर्ट ने सिर्फ उन्हीं नियोजित शिक्षकों की सेवा को बरकरार रखने का निर्देश दिया है, जो 8 अगस्त 2021 या उससे पूर्व न्यूनतम प्रशिक्षण प्राप्त कर चुका हो.

क्या कुछ है पूरा मामला

कोर्ट ने यह भी माना कि शिक्षा का अधिकार कानून, जिसे केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2010 से लागू किया था, लेकिन बिहार में यह कानून 31 मार्च, 2015 के प्रभाव से लागू हुआ. इसलिए 1 अप्रैल, 2010 से 31 मार्च , 2015 के बीच नियोजित हुए अप्रशिक्षित शिक्षकों को शिक्षा के अधिकार कानून के तहत सेवा में रहते हुए प्रशिक्षण लेने की छूट एक निर्धारित समय अवधि के लिए दी जा सकती है. बता दें कि, शिक्षा के अधिकार कानून के तहत 1 अप्रैल, 2010 को या उससे पहले नियुक्त हुए किसी अप्रशिक्षित शिक्षक को सेवा में रहते हुए प्रशिक्षण लेने के लिए अधिकतम 5 वर्ष की समय सीमा दी गई है. उक्त समय सीमा को और 4 साल तक विस्तारित करने का प्रावधान शिक्षा का अधिकार की धारा 23 द्वारा प्रदत्त है. हाईकोर्ट ने उन नियोजित शिक्षकों को भी सेवा में रहने का मौका दिया है, जिनके प्रशिक्षण कोर्स और परीक्षाएं 8 अगस्त, 2021 से पहले हो गई लेकिन रिजल्ट अटका रहा या इस तारीख के बाद निकला था.

23 मार्च को आने वाला है रिजल्ट

इसके अलावे हम आपको याद दिला दें कि, 23 मार्च का दिन नियोजित शिक्षकों के लिए बेहद ही खास माना जा रहा है. दरअसल, 23 मार्च को सक्षमता परीक्षा का रिजल्ट जारी होने वाला है. बता दें कि, शिक्षा विभाग ने मॉडल उत्तर जारी करने की तिथि पहले ही निर्धारित कर दी थी. हालांकि, परीक्षा में पूछे प्रश्नों के मॉडल उत्तर में आपत्ति के लिए 21 मार्च तक का समय निर्धारित था, जिसे एक दिन अतिरिक्त 22 मार्च तक कर दिया गया है. बताया जा रहा कि, कुछ तकनीकी समस्याओं की वजह से गलत उत्तर अपलोड हो गया था. इसमें सुधार भी कर दिया गया. शुक्रवार तक आपत्तियों के निराकरण के बाद उम्मीद है 23 या 24 मार्च को रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा. 

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