पटना में 13 जुलाई को बीजेपी द्वारा विधानसभा मार्च के दौरान पुलिसिया लाठीचार्ज का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. बीजेपी का आरोप है कि पुलिसिया लाठीचार्ज में जहानाबाद के बीजेपी कार्यकर्ता विजय सिंह की मौत हो गई. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी है। BJP कार्यकर्ता भूपेश नारायण ने वकील वरुन कुमार सिन्हा के जरिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। उन्होंने इस घटना को साजिश बताया। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से मामले की जांच CBI को सौंपे जाने या फिर अपनी तरफ से SIT का गठन करने की अपील की।
अधिवक्ता वरूण कुमार सिन्हा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में बिहार के डीजीपी राजविंदर सिंह भट्टी और मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गयी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पक्षकार बनाया गया है। मामला सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग की गई है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जज की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन करने की मांग की गई है।
दरअसल, बिहार में शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइल नीति को खत्म करने, शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने, 10 लाख नौकरी, और तेजस्वी यादव से इस्तीफे की मांग को लेकर भाजपा द्वारा विधानसभा मार्च का आयोजन किया था. बीजेपी के कार्यकर्ता गांधी मैदान से पैदल प्रदर्शन करते हुए विधानसभा के तरफ जा रहे थे. डाकबंगला चौराहे के पास पुलिस ने इन लोगों को रोक दिया और फिर लाठीचार्ज कर दिया.