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पटना में लगेगा कूड़े का ढेर!, नगर निगम के 8 हजार कर्मी आज से हड़ताल पर, लोगों को होगी परेशान

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पटना नगर निगम के आठ हजार कर्मी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले हैं. इस दौरान सभी सफाई व्यवस्था ठप हो जाएगी. इस हड़ताल से मोहल्ले की गलियों के हर मोड़ पर कचरे का ढेर देखने को मिलेगा. गंदगी के कारण डेंगू के मामले भी बढ़ सकते हैं. बारिश का मौसम है तो इस कारण कचरा सड़ने से दुर्गंध उठने और अन्य तरह की बीमारियां भी हो सकती हैं.

बता दें कि पटना नगर निगम के सफाईकर्मी और दैनिक कर्मी गुरुवार यानि 21 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़तालपर जा रहे हैं. बुधवार को हड़ताल के पूर्व संध्या पर मौर्य लोक परिसर स्थित पटना नगर निगम मुख्यालय में नगर निगम संयुक्त कर्मचारी समन्वय समिति के बैनर तले कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. इस मौके पर समन्वय समिति के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा कि निगम प्रशासन ने तमाम रास्ते बंद कर दिए. इस वजह से हड़ताल पर जाना पड़ रहा है.

निगम कर्मियों ने बताया कि वेतन और पेंशन के लिए रोज नगर निगम का चक्कर लगाना पड़ रहा है. सभी सफाई कर्मी आउटसोर्सिंग व्यवस्था की समाप्ति और सामान काम की बदले सामान वेतन की मांग कर रहे हैं. नगर निगम के सफाई कर्मियों और आउटसोर्सिंग व्यवस्था के तहत कार्यरत सफाई कर्मियों का वेतन काफी अलग हैं और दोनों में अंतर बहुत अधिक है. जिसका सभी विरोध कर रहे हैं.

आगे उन्होंने बताया कि नगर आयुक्त ने कहा कि 30 रुपये प्रतिदिन वेतन में बढ़ोतरी की गई है और इसी को लेकर हड़ताल पर नहीं जाने का अनुरोध किया, लेकिन इस बार नगर निगम के कर्मचारी मुगालते में नहीं आने वाले हैं और सफाई कर्मियों के लगातार हो रहे शोषण के खिलाफ अब अनिश्चितकालीन हड़ताल तय है जब तक की मांगे पूरी नहीं हो जाए. इस बार पटना में जो भी गंदगी होगी उसके लिए जिम्मेदार नगर निगम के अधिकारी होंगे. उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर जब भी हम लोगों ने नगर निगम के पदाधिकारियों के साथ वार्ता की. हर बार यही राग अलापा गया कि स्वच्छता सर्वेक्षण में पटना की रैंकिंग पीछे जाएगी. इसलिए हड़ताल पर मत जाइए, लेकिन कर्मियों की मांगे भी जायज है.

17 सूत्री मांगों को लेकर होगी हड़ताल

पटना नगर निगम के कर्मियों की यह हड़ताल 17 सूत्री मांगों को लेकर होगी. निगमकर्मियों की मुख्य मांग है कि विगत कई वर्षों से कार्यरत दैनिक कर्मियों को स्थायी किया जाए, न्यूनतम वेतन 18-21 हजार किया जाए, समाप्त किए गए चतुर्थ वर्ग के पद को फिर से बहाल किया जाए, आउटसोर्सिंग व्यवस्था समाप्त कर आउटसोर्स मे कार्यरत कर्मियों को नगर निगम कर्मी के रूप में अडजस्ट किया जाए, समान काम का समान वेतन लागू किया जाए, निगमकर्मियों के स्वास्थ्य सुरक्षा की गांरटी दी जाए सहित अन्य कई मांग शामिल हैं.

निगम प्रशासन ने अब सारे रास्ते बन्द कर दिए'

पटना नगर निगम कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश सिंह ने कहा कि हमलोगों ने सारे विकल्प खुले रखे थे, लेकिन नगर निगम प्रशासन ने अब सारे रास्ते बन्द कर दिए. हमने उनके बुलावे पर तीन दौर की वार्ता की, लेकिन वो एक ही राग अलाप रहे हैं कि स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम के सामने रैंकिंग में पिछड़ जाएंगे. उन्हें जिन कर्मचारियों के सफाई के बल पर रैंकिंग में ऊपर आना है, उन्हीं कर्मियों के प्रति रवैया दमनात्मक है.

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