आज देश के लोग गुस्सा इसलिए है कि दस साल जिस पार्टी को मौका दिया. जिस पार्टी के नेता को प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचाया. उसका व्यवहार शहनशाह की तरह है। पवन खेड़ा ने समझाया कि वोट क्या होता है? कहा कि वोट निवेश होता है और अगर वोटर दस साल बाद वोट इनवेस्ट करने के फायदे-नुकसान के बारे में पूछता है तो उसे लताड़ दिया जाता है, जवाब नहीं दिया जाता है।
पवन खेड़ा ने कहा कि जहां आप पैसा लगायेंगे, तो जाहिर सी बात है तो रिर्टन के बारे में पूछेंगे ही. उम्मीद करेंगे कि उसका रिटर्न आयेगा. और अगर रिटर्न नहीं आया तो उसका जवाब तो मिलना चाहिए कि इस कारण से रिटर्न नहीं आया. पवन खेड़ा ने तंज कसते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री शहंशाह नरेंद्र मोदी जी वाकई में अपने आप को भगवान से ऊपर मानने लगे हैं. यह बात वे खुद घूम-घूम कर कहते हैं कि मैं बायोलोजिकिली पैदा ही नहीं हुआ. मैं अवतार हूं. अब कोई खुद को भगवान से ऊपर बता दे, तो क्या कहा जा सकता है. खेड़ा ने कहा कि अब प्रधानमंत्री ने इंटरव्यू देना शुरू किया है. कपिल शर्मा के शो की टीआरपी खत्म हो गयी है, क्योंकि सारा मनोरंजक शो प्रधानमंत्री कर रहे हैं, ऐसा मनोरंजक आदमी जो खुद को अवतार मानता हो तो मनोरंजन के लिए और किसी शो की क्या जरूरत है। पवन खेड़ा ने कहा कि नड्डा जी ने कहा है कि ये नरों के इंद्र तो हैं ही , सूरों के भी इंद्र हैं. सुरेंद्र भी हैं, नरेंद्र भी हैं, विष्णु के अवतार हैं. संदीप पात्रा जी ने कह दिया कि भगवान जगन्नाथ भी मोदी के भक्त हैं. कभी आपने सुना है कि भगवान इंसान का भक्त हो जाये.. यह अहंकार है. इस पार्टी में, शहंशाह और प्यादों में अहंकार आ गया है. इसे लेकर भी जनता में गुस्सा है. वादे हर पार्टी करती है. चुनाव में बातें रखती है. चुनाव के बाद कुछ वादे पूरे होते हैं, कुछ नहीं होते. इसलिए नेता को या पार्टी को इमानदारी से सामने आकर बोलना चाहिए. बोलना चाहिए कि मैंने ये, ये वादे किये, जिसमें ये, ये पूरे किये और इतने वादे इन कारणों से पूरा नहीं कर पाये. लेकिन भगवान से बढ़कर जो आदमी है, वह क्यों जवाब देगा।
खेड़ा ने कहा कि युवाओं और बेरोजारों में गुस्सा अधिक है. जिसकी ईएमआई देने की क्षमता कम होती जा रही है. खर्चे बढ़ रहे हैं, महंगाई बढ़ रही है. घर में बच्चे पढ़ कर बेरोजगार बैठे हैं. यह सब देखकर घरों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. किसानों में गुस्सा है. दस सालों में आदिवासियों में सरकार के प्रति बहुत गुस्सा है. आपने जल, जंगल और जमीन पूंजीपतियों के लिए लुटा दिये. 16 लाख करोड़ अपने उद्योगपति दोस्तों पर लुटा दिये. यह देश की जनता के टैक्स पेयर का पैसा है. इतने महंगे दोस्त. भगवान के अवतार हो, आप इतने महंगे दोस्त रखते हो. आप हो कौन? नौजवान, किसान, आदिवासी, व्यापारी, मध्यम वर्ग, नौकरी पेशा लोग क्रोधित हैं. हर एक घंटे में दो नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं. 24 घंटे में 30 किसान आत्महत्या कर रहे हैं. गुस्सा नहीं आयेगा तो क्या होगा. एक घंटे में चार महिलाओं के साथ दुष्कर्म होता है. लेकिन शहंशाह प्रचार में है. इन आंकड़ो का जवाब नहीं देंगे.कोई पूछेगा तो कहेंगे देशद्रोही है।
पवन खेड़ा ने कहा कि हमारे यहां के लोकप्रिय पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को जेल में बैठा दिया. क्योंकि आदिवासी अस्मिता है, वह झुकेगा नहीं, यह बात शहंशाह जानता है. जो झुकता नहीं है वह सलाखों के पीछे चला जाता है. क्या कारण है, यही न कि वह झुका नहीं. दुख इस बात का है कि जिसको खुदा माना वह पत्थर भी नहीं निकला. अगर देश का राजा धोखा देता है तो आने वाली पीढ़ियां बर्बाद और तबाह हो जाती हैं. यही इस देश में हो रहा है. कोई पूछ ले तो हिंदू मुस्लिम की बात करेंगे, साऊथ-नॉर्थ की बात करेंगे. कब तक आप लोगों का ध्यान बांटोगे, पवन खेड़ा ने कहा कि पिछले दस सालों में अर्थव्यवस्था पर चोट हुई है. यह देखकर महालक्ष्मी योजना लायी गयी है. इसकी चर्चा हो रही है. महिलाओं के खाते में एक वर्ष में एक लाख रूपए आयेंगे. यह जानकर लोग खुश हैं. पहली नौकरी पक्की, यह सब चर्चा के विषय हैं. दस साल में 30 लाख पद खाली हो गये. इसे भरा नहीं गया है. क्यों नहीं भरे गये, मोदी सरकार को यह तो बताना चाहिए. क्योंकि आपको डर था कि इस पदों पर आदिवासी, दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक न आ जायें. आप क्यों इनके खिलाफ हैं. यह पद भर जाते तो कितने करोड़ परिवारों की अर्थव्यवस्था सुधर जाती. राहुल गांधी ने घोषणा की है कि 15 अगस्त से यह रिक्तियां भरी जायेंगी.