भोजपुरी इंडस्ट्री के पावरस्टार कहे जाने वाले पवन सिंह इन दिनों पूरी तरह से सुर्खियों में बने हुए हैं. दरअसल, पवन सिंह ने काराकाट लोकसभा क्षेत्र से लड़ने का ऐलान तो कर दिया था. लेकिन, अब तक यह सस्पेंस बरकरार था कि, आखिर किस पार्टी से वह चुनाव लड़ने वाले हैं. या फिर निर्दलीय ही चुनावी मैदान में दम-खम दिखायेंगे. तो अब इसे लेकर भी सस्पेंस खुद पवन सिंह ने खत्म कर दिया है. पवन सिंह ने सोशल मीडिया के जरिये यह क्लियर कर दिया है कि, वे कैसे चुनाव लड़ने वाले हैं. दरअसल, पवन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिये साफ कर दिया है कि, वे ना तो बीजेपी और ना ही आरजेडी बल्कि निर्दलीय ही चुनाव लड़ने वाले हैं.
अनोखे अंदाज में किया ऐलान
अपने इस ऐलान के बाद उन्हें लेकर जो कुछ भी चर्चाओं का बाजार गर्म था वह अब ठंडा पड़ गया है. वहीं, यहां गौर करने वाली बात यह भी रही कि, बेहद अनोखे अंदाज में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की. पवन सिंह ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि, "सुनुं क्या सिंधु, मैं गर्जन तुम्हारा. स्वयं युगधर्म की हुंकार हूं मैं. कठिन निर्घोष हूं भीषण अशनि का प्रलय-गांडीव की टंकार हूं मैं. राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता मुझे बहुत प्रेरित करती है. इस कविता से प्रेरणा लेते हुए ही मैंने कुछ दिन पहले काराकाट, बिहार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया. जल्द ही अपने काराकाट के परिवार से मिलेंगे."
3 मार्च से ही बनी है गहमागहमी
बात कर लें, पिछले दिनों की गतिविधियों की तो, ध्यान रहे कि 3 मार्च वह दिन था जब पवन सिंह ने आसनसोल से अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी. भाजपा द्वारा घोषित 195 उम्मीदवारों की पहली सूची में शामिल होने के ठीक एक दिन बाद उन्होंने एक्स के जरिये लिखा कि, मैं अपने समाज, लोगों, लोगों और मां से किए गए वादे को पूरा करने के लिए चुनाव लड़ूंगा. आपका आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है. पश्चिम बंगाल में यह एक आश्चर्यजनक मोड़ था जब सिंह ने घोषणा की कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे क्योंकि उन्होंने शुरुआत में उम्मीदवारी स्वीकार कर ली थी और एक दिन पहले भाजपा नेतृत्व को धन्यवाद दिया था. पवन सिंह को अपने कुछ गानों में बंगाली महिलाओं के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर तृणमूल कांग्रेस की आलोचना का सामना करना पड़ा था. एक्टर ने एक्स पर एक सोशल पोस्ट में कहा था कि मैं भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का दिल से आभार व्यक्त करता हूं. पार्टी ने मुझ पर भरोसा किया और मुझे आसनसोल से उम्मीदवार घोषित किया, लेकिन किसी कारण से मैं आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ पाऊंगा. दरअसल, ऐसा कहा जा रहा था कि, पवन सिंह को उम्मीद थी कि बीजेपी उन्हें बिहार के किसी भी लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतार सकती है. जब ऐसा होता नहीं दिखाई दिया तो उन्होंने बीजेपी से अलग होकर लड़ने की घोषणा कर दी. तो वहीं, आखिरकार काराकाट से वह चुनाव लड़ने वाले हैं. अब तो वे जल्द ही काराकाट में दिखने भी वाले हैं.