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विदेशों से भी लोग बिहार में दुर्गापूजा पर कराते हैं कलश स्थापना, भव्य रूप से होती है मां की आराधना

People from abroad also install Kalash on Durga Puja in Biha

कहते हैं ना कि मां की महिमा अपरंपार है और माता की भक्ति से मनुष्य को जो शक्ति मिलती है वही जीवन का आधार है. देश भर में इन दिनों दुर्गा पूजा की धूम है और देशवासी इसे बड़े ही श्रद्धाभाव से मनाते हैं. अपने तन, मन और धन से मां की पूजा-अर्चना करते हैं. मां से अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए  प्रार्थना करते हैं. इसके साथ ही जगत जननी मां दुर्गा अपने भक्तों को अपना आशीर्वाद देती है. देश के अलग-अलग हिस्सों में पूजा की अलग अलग विधि है और सभी अपने-अपने विधि-विधान से मां की पूजा-अर्चना करते हैं. जिस प्रकार मां का अलग-अलग स्वरूप है, लोग उसी स्वरूप में मां की पूजा-अर्चना अपने-अपने रीति-रिवाज से करते हैं.

इसी कड़ी में मां के पूजन में कलश की एक अलग महता है. देश के लगभग सभी हिस्सों में मां के पूजन में कलश स्थापना की जाती है और कलश का संकल्प लेकर कलश की पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसे में आपने कई जगह एक-दो या नौ या फिर दस कलश स्थापना देखी और सुनी होगी. लेकिन, आज हम एक ऐसे मंदिर की बात बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आप जानकर आश्चर्यचकित हो जायेंगे और कहेंगे कि मां की महिमा अपरंपार है और मां की भक्ति की शक्ति का कोई अंत नहीं है. 

दरअसल, तस्वीरें मोतिहारी के मीना बाजार स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर की सामने आई है. जहां एक हजार एक कलश की सामूहिक पूजा होती है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों ? तो हम आपको बता दें कि, इन एक हजार एक कलश की सामूहिक स्थापना एक हजार एक अलग-अलग लोगों ने करवाई है. आपको ये जानकर और भी आश्चर्य होगा कि, इनमें से करीब 20 देशों में रहने वाले अप्रवासी भारतीय लोगों ने अपनी-अपनी मनोकामना पूरी होने के बाद इन कलश की स्थापना करवाई है. चाहे वो अमेरिका हो या इंग्लैंड, कतर हो या पाकिस्तान, बांग्लादेश हो या नेपाल या फिर अन्य कोई देश, सभी देशों के लोगों की इसमें सहभागिता है. सभी ने अपनी-अपनी मनोकामना पूरी होने के बाद या मनोकामना पूर्ति का संकल्प लेकर कलश स्थापना इस मंदिर में करवाया है. सबकी पूजा और कलश स्थापना में आस्था है. 

वहीं, इस पूजा की खास बात ये भी है कि इस मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से मां से अपनी मनोकामना मांगता है, वह जरूर पूरा होता है. जिसका ही परिणाम है कि एक कलश से शुरू हुआ ये यज्ञ आज एक हजार से अधिक की संख्या को पार कर चुका है और लोगों की तादाद यहां लगातार बढ़ रही है. यह मां की महिम  है कि देश-विदेश के लोग भी यहां आस्था रखते हैं और सामूहिक कलश स्थापना करवाते हैं.

मोतिहारी से प्रशांत कुमार की रिपोर्ट 

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