बिहारी नहीं ऑस्ट्रेलियन दाल खा रहे हैं पटना के लोग. आप पटना में रहते हैं पर क्या आपको यह जानकारी है कि आप लंच में जो थाली खा रहे हैं उसकी कटोरी में जो दाल है वो इंडियन नहीं है. जी हां, वह दाल देशी नहीं विदेशी है. विदेशी भी ऐसी वैसी या किसी करीबी देश की नहीं ऑस्ट्रेलिया की. शायद आपको यकीन नहीं हो रहा होगा लेकिन यह सौ फिसदी सच है. पटना की मंडियों में मसूर की आयाति दाल खूब बिक रही है.
दरअसल, सूबे में सबसे अधिक खपत मसूर के दाल की है. विगत डेढ माह में प्रत्येक माह दस हजार टन विदेशी दाल कोलकाता बंदरगाह से बिहार पहुंच रही है. लगभग सौ टन दाल हर रोज लखीसराय जैसी जगहों पर स्थित मंडियों में पहुंच रही है. यहां से इस दाल को अन्य मंडियों तक पहुंचाया जाता है. मसूर दाल की कीमत की बात करें तो, 75 रुपये से 80 रुपये प्रति किलो मसूर दाल की कीमत है.
ऑस्टेलिया की दाल का स्वाद अपने बिहारी दाल की तरह बेहतर नहीं होता है. दरअसल, ऑस्ट्रेलिया से दाल मंगवाने की वजह बिहार में कम उत्पादन है. बिहार में दाल का उत्पादन बाढ, लखीसराय, नालंदा, रोहतास और बक्सर में खूब होता है. लेकिन, इन दिनों बेमौसम बरसात ने इसे प्रभावित किया और दाल का उत्पादन काफी काम हुआ है. फिलहाल, जब तक दाल की नई आवक बिहार से नहीं आ जाती तब तक ऑस्ट्रेलिया के दाल से ही थाली की रौनक बनी रहेगी. भले ही इसका स्वाद जुबान को बिहारी दाल की तरह भाता न हो.