केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से सीएए यानि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही अब यह कानून देश में लागू हो गया. केंद्र सरकार ने पहले ही दावा किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले देश में सीएए कानून लागू कर दिया जाएगा और ऐसा ही हुआ. लेकिन दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जहां इसे वोट बैंक बताया वही इसे लेकर तेजस्वी यादव ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है. कहा है कि मोदी सरकार ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए चुनाव से पहले नित नए प्रपंच रचती है. जबकि पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में रहने वाला मतुआ समुदाय इसे लेकर काफी उत्साहित है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष व बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा है कि CAA नागरिकता लेने का नहीं देने का कानून है. समाज का कोई भी वर्ग किसी के बहकावे में नहीं आए.
सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि ये कानून अफगानिस्तान, बंगलादेश और पाकिस्तान से 31 दिसम्बर, 2014 से पहले भारत आए धार्मिक आधार पर प्रताड़ित हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए लाया गया है. भाजपा पड़ोसी देशों के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों को संरक्षण देने के लिए सिटीजनशीप अमेंडमेंट एक्ट को लागू करने के लिए हमेशा से ही प्रतिबद्ध रही है. कानून के तहत उन लोगों को आश्रय मिलेगा जिन्हें वर्षों से उत्पीड़न सहना पड़ा है और उनके लिए दुनिया में भारत के अलावा और कोई जगह नहीं है.
बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर पिछले महीने बड़ा ऐलान किया था. शाह ने कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले देश में सीएए कानून लागू कर दिया जाएगा और चुनाव से पहले इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।इससे पहले पिछले साल दिसंबर महीने में पश्चिम बंगाल के दौरे के दौरान शाह ने दावा किया था कि देश में सीएए लागू होने से कोई रोक नहीं सकता है.
लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीएए को लेकर अधिसूचना जारी कर दी. देशभर में इस कानून के लागू होने के बाद अब इस नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में बसे बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित प्रताड़ना झेल चुके गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी.
CAA को लेकर मायावती ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून को, अब ठीक चुनाव से पहले लागू करने के बजाय, इसको लेकर लोगों में जो संदेह, असमंजस व आशंकाएं हैं उन्हें पूरी तरह से दूर करने के बाद ही इसेे लागू किया जाना ही बेहतर होता.