जिस ऐतिहासिक पल का इंतजार किया जा रहा था, वह आखिरकार पूरा हो ही गया. अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा कि अयोध्या धाम में श्री राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा का अलौकिक क्षण हर किसी को भाव-विभोर करने वाला है. इस दिव्य कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरा परम सौभाग्य है. जय सियाराम. इसी के साथ प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला की पहली तस्वीर भी सामने आ गई है.
प्राण प्रतिष्ठा के बाद गर्भगृह से रामलला की पहली तस्वीरें सामने आ गई हैं. रामलला स्वर्ण आभूषणों से सुसज्जित हैं और उन्होंने अपने हाथों में स्वर्ण से बना धनुष-बाण धारण किया हुआ है. बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए क्रीम रंग का कुर्ता और धोती पहन रखी थी. रामलला के लिए पीएम मोदी चांदी का छत्र लेकर पहुंचे थे. वहीं, इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मौजूद हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने पोस्ट किया था, 'प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में आमंत्रित महानुभावों के लिए जानकारी : भगवान श्री रामलला सरकार के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में प्रवेश केवल श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा जारी की गई प्रवेशिका के माध्यम ही संभव है. केवल निमंत्रण पत्र से आगंतुकों को प्रवेश सुनिश्चित नहीं हो पाएगा. प्रवेशिका पर बने QR code के मिलान के पश्चात ही परिसर के प्रवेश संभव हो पाएगा.'
इधर, राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अयोध्या नहीं गए हैं. उन्होंने और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली के बिरला मंदिर में प्रार्थना की. वहीं, प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक साथ नजर आए. उन्होंने राज्य की राजधानी भोपाल में पूजा-अर्चना की. बता दें कि, राम नगरी कही जाने वाले उत्तर प्रदेश के अयोध्या में VVIP मेहमानों का महाजुटान हुआ है. करीब 7000 गणमान्य अयोध्या में इस खास समारोह में शामिल हुए हैं. इससे पहले ट्रस्ट ने जानकारी दी थी कि, 'गर्भ-गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्ण होने के बाद, सभी साक्षी महानुभावों को दर्शन कराया जाएगा.' ट्रस्ट के अनुसार, समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे. श्री गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे, तथा काशी के श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे.