प्रधानमंत्री ने कहा, विविधता को समझना और उसे अपने जीवन में उतारना हमारे संस्कारों में है। हम उस देश के वासी हैं, जहां सैकड़ों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, दुनिया के सभी मत हैं, पंथ हैं। हम एक बनकर, नेक बनकर आगे बढ़ रहे हैं। भाषाएं अनेक हैं, लेकिन भाव एक है। वो भाव भारतीयता है। दुनिया के साथ जुड़ने के लिए ये हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यही मूल्य हमें सहज रूप से विश्व बंधु बनाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा, हमारे यहां कहा जाता है- जो त्याग करते हैं, वे ही भोग पाते हैं। हम दूसरों का भला करके, त्याग करके सुख पाते हैं। हम किसी भी देश में रहें, ये भावना नहीं बदलती है। हम जिस समाज में रहते हैं, वहां ज्यादा से ज्यादा योगदान करते हैं। यहां अमेरिका में आपने डॉक्टर, शोधकर्ताओं, टेक पेशेवर, वैज्ञानिक या दूसरे पेशेवर के रूप में जो परचम लहराया है, वो इसी का प्रतीक है। अभी कुछ समय पहले ही तो यहां टी-20 वर्ल्ड कप हुआ था और अमेरिका की टीम क्या गजब खेली। उस टीम में यहां रह रहे भारतीयों का जो योगदान था, वो भी दुनिया ने देखा है। उन्होंने आगे कहा, दुनिया के लिए एआई का मतलब है- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस। लेकिन मैं मानता हूं, एआई का मतलब है- अमेरिका और इंडिया। उन्होंने कहा कि मैं दुनिया में जहां भी जाता हूं, वहां भारतीय प्रवासियों की तारीफ सुनता हूं।