प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के सभी एनडीए सांसदों से मुलाकात की. लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर मंथन किया गया. 2019 से 2024 के हालात बिल्कुल अलग हैं. नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो चुके हैं. अब वो कांग्रेस और आरजेडी को मजबूत करने में जुटे हैं. वहीं, रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी टूट चुकी है. चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान में छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है. दोनों एक-दूसरे के वोटबैंक में सेंधमारी की फिराक में है. ऐसे में 2024 को लेकर नई रणनीति बनानी होगी.
10 महीने पहले से ही पावर बैकअप की तैयारी
बिहार लोकसभा चुनाव 2019 की बाजी एनडीए के हाथ रही थी. तब नीतीश कुमार की जेडीयू और रामविलास पासवान की एलजेपी बीजेपी के साथ थी. मगर मौजूदा हालात में नीतीश कुमार की जेडीयू अब बीजेपी से अलग होकर आरजेडी और कांग्रेस से हाथ मिला चुकी है. रामविलास पासवान के देहांत के बाद उनकी पार्टी के दो टुकड़े हो चुके हैं. रामविलास के भाई पशुपति पारस और उनके बेटे चिराग पासवान अलग-अलग नावों पर सवार हैं. लिहाजा 2019 का रिजल्ट 2024 में कतई नहीं रहनेवाला. लिहाजा, 10 महीने पहले से ही पावर बैकअप तैयार करने की कवायद की जा रही है.
बिहार लोकसभा चुनाव परिणाम 2019
वैसे, 2019 में बीजेपी को 17 सीटों पर जीत मिली थी. जेडीयू ने 16 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि रामविलास की एलजेपी ने 6 सीट अपने खाते में करने में कामयाब रही थी. मतलब 40 में से 39 सीटें एनडीए के खाते में गई थी. एक सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. बिहार से फिलहाल एनडीए के खाते में 23 सांसद (बीजेपी+चिराग+पशुपति) जरूर हैं.
बिहार के सभी सीटों को जीतने का टिप्स!
लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं. इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में ये बैठक गुरुवार शाम 6.30 बजे बुलाई गई थी. माना जा रहा है कि पीएम मोदी ने सभी सांसदों से उनके क्षेत्र में केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन का फीडबैक लिया. साथ ही बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर गठबंधन की जीत सिनिश्चित करने का टिप्स दिया.