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तेजस पर उड़े नरेंद्र मोदी, बताई अपनी फीलिंग्स, देश की स्वदेशी क्षमताओं पर भरोसा और बढ़ा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सरकारी स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की यात्रा की. इस दौरान उन्होंने बेंगलुरु में तेजस लड़ाकू विमान में उड़ान भरी. पीएम मोदी ने आज इस कंपनी की समीक्षा भी की. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी एचएएल की यूनिट की समीक् के दौरान तेजस जेट की भी पूरी जानकारी ली. आपको बता दें कि पीएम मोदी रक्षा उत्पादों के स्वदेशी उत्पादन पर जोर दे रहे हैं. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला है कि कैसे उनकी सरकार ने भारत में उनके विनिर्माण और उनके निर्यात को बढ़ावा दिया है.

पीएम मोदी ने कहा, 'मैं आज तेजस में उड़ान भरते हुए अत्यंत गर्व के साथ कह सकता हूं कि हमारी मेहनत और लगन के कारण हम आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में विश्व में किसी से कम नहीं हैं. भारतीय वायुसेना, DRDO और HAL के साथ ही समस्त भारतवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं.'

बता दें कि कई देशों ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस को खरीदने में रुचि दिखाई है और अमेरिकी रक्षा दिग्गज जीई एयरोस्पेस ने प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान एमके-द्वितीय-तेजस के लिए संयुक्त रूप से इंजन बनाने के लिए एचएएल के साथ एक समझौता किया था.




रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस साल अप्रैल में कहा था कि वित्त वर्ष 2022-2023 में भारत का रक्षा निर्यात 15,920 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा था कि यह देश के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है. 

अब LCA के इंजन देश में ही बनेंगे

हल्के लड़ाकू विमान LCA MARK 2 (तेजस एमके 2) और स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) की पहली दो स्क्वॉड्रन के इंजन अब देश में ही बनेंगे. भारत में रक्षा क्षेत्र को मजबूती देने के लिए यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है.

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के प्रमुख डॉ. समीर वी कामत ने शनिवार (18 नवंबर) को बताया था कि अमेरिकी कंपनी GE एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) मिलकर ये इंजन बनाएंगी. अमेरिका से इसकी सभी मंजूरी मिल गई है.

इन दिग्गजों ने लड़ाकू विमान में उड़ान भरी

निर्मला सीतारमण: निर्मला सीतारमण ने बतौर रक्षा मंत्री 17 जनवरी 2018 को राजस्थान में सुखोई-30 MKI में उड़ान भरी थी. वह पायलट का जी-सूट पहनने और पीछे की सीट पर बैठने वाली देश की पहली महिला रक्षा मंत्री बनी थीं.

किरेन रिजिजू: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मई 2016 में सुखोई-30 MKI विमान में उड़ान भरी थी. उन्होंने पंजाब में भारतीय वायुसेना के हलवारा बेस से सुपरसोनिक जेट में लगभग 30 मिनट तक उड़ान भरी. सुखोई 56 हजार 800 फीट तक उड़ान भर सकता है. इसकी अधिकतम गति 2,100 किमी प्रति घंटा है.

राजीव प्रताप रूडी: भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने 19 फरवरी 2015 को एयरो इंडिया एयर शो के दौरान सुखोई-30MKI में उड़ान भरी थी.

राव इंद्रजीत सिंह: रक्षा राज्य मंत्री के रूप में राव इंद्रजीत सिंह ने अगस्त 2015 में दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस से सुखोई-30 में उड़ान भरी.

प्रतिभा पाटिल: पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 25 नवंबर 2009 को सुखोई-30 MKI में उड़ान भरने वाली पहली महिला राष्ट्र प्रमुख बनकर इतिहास रच दिया. उन्होंने 74 साल की उम्र में पुणे में वायुसेना बेस से फ्रंटलाइन सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू जेट विमान में सुपरसोनिक स्तर के करीब 30 मिनट की उड़ान के लिए उड़ान भरी.

एपीजे अब्दुल कलाम: एपीजे अब्दुल कलाम 8 जून 2006 को भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 एमकेआई पर 30 मिनट की उड़ान भरने वाले पहले राष्ट्रपति थे. उन्होंने सुपरसोनिक गति से उड़ान भरते हुए कॉकपिट में लगभग 40 मिनट बिताए.

जॉर्ज फर्नांडीस: एनडीए सरकार में रक्षा मंत्री के रूप में, जॉर्ज फर्नांडीस ने 22 जून, 2003 को लोहेगांव वायु सेना स्टेशन से SU-30 MKI में उड़ान भरी.


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