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पटना में इन शिक्षकों पर पुलिस ने चटकाई लाठियां, इससे पहली ले ली थी उनकी नौकरी

Police cracked batons on these teachers in Patna, before thi

इस वक्त की बड़ी खबर राजधानी पटना से सामने आ रही है जहां अतिथि शिक्षकों पर लाठियां बरसाई गई. इस दौरान मौके पर अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया. बता दें कि, वे सभी अतिथि शिक्षक सीएम आवास का घेराव करने के लिए पहुंचे थे. पुलिस ने उन सभी को रोकने की कोशिश की लेकिन जब वह नहीं माने तो पुलिस ने उन पर लाठियां चटकानी शुरु कर दी. दरअसल, सीबीआई कार्यालय के सामने अतिथि शिक्षकों को पुलिस ने रोका लेकिन, वह मानने के लिए तैयार नहीं हुए. बता दें कि, अतिथि शिक्षकों की नौकरी छीन ली गई थी, जिसके बाद उनका आक्रोश फूट पड़ा और अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन करने पर उतर गए.  

4257 है अतिथि शिक्षकों की संख्या

वहीं, प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों का कहना था कि, हम लोगों की संख्या 4257 है. जब प्रदेश में शिक्षकों की कमी थी तो उन लोगों से सेवा ली गई और बिहार का शैक्षणिक स्तर सुधरा. आज परमानेंट करने के बदले एक झटके में उन लोगों को नौकरी से हटा दिया गया. बता दें कि, शिक्षा विभाग का नया आदेश आया जो पिछले छह साल से स्कूलों में कार्यरत गेस्ट शिक्षकों से संबंधित था. दरअसल, कुछ साल पहले उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की थी. पिछले 6 सालों से ये अतिथि शिक्षक नियमित रूप से स्कूलों में पढ़ा रहे थे. अब सरकार ने इन अतिथि शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का निर्णय लिया है. 

शिक्षा विभाग ने डीईओ को भेजा पत्र

इस संबंध में शिक्षा विभाग के निदेशक कन्हैया प्रसाद ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को एक पत्र भेजा है. पत्र में निदेशक ने बताया कि, 25 जनवरी 2018 को शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया था कि जहां शिक्षकों की कमी है, वहां अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। 4257 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी. वहीं, शिक्षा विभाग के निदेशक कन्हैया प्रसाद द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि, कक्षा 9वीं-10वीं के लिए 37 हजार 847, कक्षा 11वीं-12वीं के लिए 56 हजार 891 और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 94 हजार 738 नियमित शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है. ये शिक्षक अब स्कूलों में पदस्थ हो चुके हैं. इसलिए, अब अतिथि शिक्षकों की आवश्यकता नहीं है. ऐसे शिक्षकों को स्कूलों से हटा देना चाहिए और प्रमाण-पत्र भेजकर विभाग को सूचित करना चाहिए कि अब किसी भी जिले में कोई अतिथि शिक्षक नहीं है.

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