12 फरवरी यानि कि बिहार की सियासत के लिए परीक्षा की घड़ी आ गई है. लेकिन, गहमागहमी कम होने का नाम नहीं ले रही है. सभी पार्टियां फुल फॉर्म में है और अपने-अपने ओर से कई तरह के दावे कर रहे हैं. इस बीच फ्लोर टेस्ट से ठीक एक दिन पहले की रात मानो कयामत वाली रात रही. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के आवास पर रातभर हाई वोल्टेज ड्रामा देखने के लिए मिला. दरअसल, पटना में तेजस्वी यादव के आवास पर आरजेडी विधायकों को रोका गया था, जिसमें बाहुबली नेता आनंद मोहन के विधायक बेटे चेतन आनंद भी शामिल थे. इसको लेकर आनंद मोहन परिवार की ओर से पुलिस में शिकायत दी गई थी.
चेतन आनंद के गुमशुदगी की शिकायत
बता दें कि, चेतन आनंद शिवहर से राजद के विधायक हैं. बाकी विधायकों की तरह वो भी तेजस्वी यादव की बाड़बंदी की रणनीति का हिस्सा थे. लेकिन उनके भाई ने अचानक पटना के पाटलीपुत्रा थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनके भाई अचानक लापता हो गए हैं. लेकिन, इस पूरे प्रकरण में हैरत की बात ये थी कि, रविवार की सुबह चेतन आनंद तेजस्वी यादव के आवास में क्रिकेट खेल रहे थे. इसका एक वीडियो भी अलग-अलग जगहों पर वायरल था. कई टीवी चैनलों पर ये विजुअल भी चले थे. ऐसे में उनकी गुमशुदगी की शिकायत ने सबको चौंका दिया. इसी शिकायत के बाद भारी संख्या में पुलिस फोर्स देर रात तेजस्वी आवास पर पहुंची थी.
आरजेडी की ओर से किया गया दावा
हालांकि, जब पुलिस से चेतन आनंद ने कह दिया कि, वो अपनी मर्जी से तेजस्वी यादव के साथ रुके हुए हैं, उसके बाद पुलिस वहां से चली गई. हालांकि, बाद में चेतन आनंद वहां से अपने घर के लिए निकल गए. इधर, आरजेडी की ओर से दावा किया गया था कि 'नीतीश कुमार ने सरकार जाने के डर से हजारों की संख्या में पुलिस भेज तेजस्वी जी के आवास को चारों तरफ से घेर लिया है. ये किसी भी तरह से किसी भी बहाने आवास के अंदर घुस कर विधायकों के साथ अप्रिय घटना करना चाहते हैं. बिहार की जनता नीतीश कुमार और पुलिस के कुकर्म देख रही है. याद रहे हम डरने और झुकने वालों में से नहीं हैं. ये वैचारिकी का संघर्ष है और हम इसे लड़ेंगे और जीतेंगे क्योंकि बिहार की न्यायप्रिय जनता इस पुलिसिया दमन का प्रतिकार करेगी. जय बिहार! '
क्या है सीटों का आंकड़ा ?
वहीं, फ्लोर टेस्ट से से पहले आरजेडी की ओर से दावा किया जा रहा है कि बिहार में 'खेला' होने जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू के 5 और बीजेपी के 3 विधायक संपर्क में नहीं हैं. पहले ये संख्या 6 थी, फिर 8 हो गई. सूत्रों के मुताबिक, 8 विधायक कम होने के बाद नीतीश कोई भी बड़ा फैसला ले सकते हैं. इसके अलावा एनडीए में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के मुखिया और पूर्व सीएम जीतनराम मांझी का फोन नहीं लग रहा है. वहीं, सीटों की ओर नजर डालें तो, बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें है. बहुमत का आंकड़ा 122 है, जबकि NDA के पास 128 विधानसभा सदस्य हैं. जिसमें बीजेपी के पास 78 सीटें, JDU के पास 45 सीटें, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के पास 4 सीटें और एक निर्दलीय विधायक सुमित सिंह भी साथ हैं. जबकि विपक्ष के पास 114 विधायक हैं. इसमें आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19, सीपीआई (एमएल) के 12, सीपीआई (एम) के 2, सीपीआई के 2 विधायक हैं. वहीं, फिलहाल के लिए हर किसी की निगाहें फ्लोर टेस्ट पर टिकी हुई है.