12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट से पहले सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. पूरी तरह से हलचल मची हुई है. सभी पार्टियों में कहीं ना कहीं खलबली मची हुई है. हर पार्टी विधायकों को साथ रखकर एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रही है और इस कोशिश में सबसे ज्यादा हलचल RJD के खेमे में मची हुई है. तेजस्वी यादव ने पहले शक्ति परीक्षण की रणनीति के लिए अपने आवास पर विधायकों की बैठक बुलाई और फिर अचानक विधायकों को वहीं रुकने का निर्देश दे दिया. 10 फरवरी तक साफ तौर पर देखा गया कि, विधायकों को रुकने के बाद कुछ देर में विधायकों के सामान तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंचाया गया. विधायकों पर नजर रखने के इस तरीके से तमाम सियासी सवाल भी उठ रहे हैं.
नीतीश कुमार और बीजेपी कर रहे मंथन
इधर, नीतीश कुमार और बीजेपी भी आगे की रणनीति पर मंथन कर रही है. पहले सभी विधायकों को पटना बुलाया और फिर मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर विधायकों को लंच का न्योता दिया़. दूसरी तरफ बीजेपी ने सभी विधायकों को दो दिनों की ट्रेनिंग के लिए बोधगया बुलाया है और 11 फरवरी तक विधायकों को यहीं रखने का फैसला किया है. बात करें कांग्रेस की तो वह पहले ही अपने विधायकों को हैदराबाद भेज चुकी है. ऐसे में सूबे में सियासी हलचल के बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या सरकार को फ्लोर टेस्ट में किसी तरह का खेला होने का डर सता रहा है ?
महबूब आलम ने की मांझी से मुलाकात
बीजेपी और जेडीयू दोनों ऑल इज वेल का दावा कर रहे हैं लेकिन मंत्री पद को लेकर नाराजगी जताने वाले जीतनराम मांझी को लेकर अब भी सवाल उठ रहे हैं. इन्हीं सवालों के बीच जब अचानक CPIML विधायक महबूब आलम जीतनराम मांझी के आवास पर पहुंचे तो अटकलें और तेज हो गईं. मांझी से मिलकर आए भाकपा माले के विधायक महबूब आलम से जब मीडिया ने सवाल पूछे तो उन्होंने कहा, 'कोई राजनीतिक बात नहीं हुई, लंबे समय से हमारी उनकी बात नहीं हुई थी. हम उनके स्वास्थ्य का हालचाल पूछने आए थे.वो अभी रिकवर कर रहे हैं. ये जानकर हमको अच्छा लगा. वो स्वस्थ्य हैं, तंदुरुस्त हैं और अच्छा खेल दिखाएंगे मांझी जी.'
कांग्रेस के 16 विधायक हैदराबाद में
ऐसे में सवाल उठने लगा कि क्या...मांझी की नाराजगी का फायदा उठाकर RJD बिहार में फिर से खेला करने की तैयारी कर रही है... उधर, जेडीयू खेमे से आई खबर भी तमाम अटकलें पैदा कर रही हैं. उधर, कांग्रेस सभी 16 विधायक अब भी हैदराबाद में हैं ये विधायक फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले 11 फरवरी को पटना पहुंचेंगे. बिहार की राजनीति में कुछ दिनों पहले ऐसी उठा-पटक हुई कि सरकार ही बदल गई. महागठबंधन की सरकार गई और एनडीए की सरकार बन गई. अब विधानसभा के फ्लोर पर इस एकता का टेस्ट है जिसपर सबकी नजर टिकी हुई है.